فَوَسْوَسَ لَهُمَا الشَّيْطٰنُ لِيُبْدِيَ لَهُمَا مَا وٗرِيَ عَنْهُمَا مِنْ سَوْاٰتِهِمَا وَقَالَ مَا نَهٰىكُمَا رَبُّكُمَا عَنْ هٰذِهِ الشَّجَرَةِ ِالَّآ اَنْ تَكُوْنَا مَلَكَيْنِ اَوْ تَكُوْنَا مِنَ الْخٰلِدِيْنَ ( الأعراف: ٢٠ )
Fawaswasa lahuma alshshaytanu liyubdiya lahuma ma wooriya 'anhuma min sawatihima waqala ma nahakuma rabbukuma 'an hathihi alshshajarati illa an takoona malakayni aw takoona mina alkhalideena (al-ʾAʿrāf 7:20)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर शैतान ने दोनों को बहकाया, ताकि उनकी शर्मगाहों को, जो उन दोनों से छिपी थीं, उन दोनों के सामने खोल दे। और उसने (इबलीस ने) कहा, 'तुम्हारे रब ने तुम दोनों को जो इस वृक्ष से रोका है, तो केवल इसलिए कि ऐसा न हो कि तुम कहीं फ़रिश्ते हो जाओ या कही ऐसा न हो कि तुम्हें अमरता प्राप्त हो जाए।'
English Sahih:
But Satan whispered to them to make apparent to them that which was concealed from them of their private parts. He said, "Your Lord did not forbid you this tree except that you become angels or become of the immortal." ([7] Al-A'raf : 20)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
फिर शैतान ने उन दोनों को वसवसा (शक) दिलाया ताकि (नाफरमानी की वजह से) उनके अस्तर की चीज़े जो उनकी नज़र से बेहश्ती लिबास की वजह से पोशीदा थी खोल डाले कहने लगा कि तुम्हारे परवरदिगार ने दोनों को दरख्त (के फल खाने) से सिर्फ इसलिए मना किया है (कि मुबादा) तुम दोनों फरिश्ते बन जाओ या हमेशा (ज़िन्दा) रह जाओ