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قَالَ الْمَلَاُ الَّذِيْنَ اسْتَكْبَرُوْا مِنْ قَوْمِهٖ لَنُخْرِجَنَّكَ يٰشُعَيْبُ وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا مَعَكَ مِنْ قَرْيَتِنَآ اَوْ لَتَعُوْدُنَّ فِيْ مِلَّتِنَاۗ قَالَ اَوَلَوْ كُنَّا كَارِهِيْنَ  ( الأعراف: ٨٨ )

Said
قَالَ
कहा
the chiefs
ٱلْمَلَأُ
सरदारों ने
(of) those who
ٱلَّذِينَ
जिन्होंने
were arrogant
ٱسْتَكْبَرُوا۟
तकब्बुर किया
among
مِن
उसकी क़ौम में से
his people
قَوْمِهِۦ
उसकी क़ौम में से
"We will surely drive you out
لَنُخْرِجَنَّكَ
अलबत्ता हम ज़रूर निकाल देंगे तुझे
O Shuaib!
يَٰشُعَيْبُ
ऐ शुऐब
And those who
وَٱلَّذِينَ
और उन्हें जो
(have) believed
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हैं
with you
مَعَكَ
साथ तेरे
from
مِن
अपनी बस्ती से
our city
قَرْيَتِنَآ
अपनी बस्ती से
or
أَوْ
या
you must return
لَتَعُودُنَّ
अलबत्ता तुम ज़रूर पलटोगे
to
فِى
हमारी मिल्लत में
our religion"
مِلَّتِنَاۚ
हमारी मिल्लत में
He said
قَالَ
उसने कहा
"Even if
أَوَلَوْ
क्या भला अगरचे
we are
كُنَّا
हों हम
(the) ones who hate (it)?
كَٰرِهِينَ
नापसंद करने वाले

Qala almalao allatheena istakbaroo min qawmihi lanukhrijannaka ya shu'aybu waallatheena amanoo ma'aka min qaryatina aw lata'oodunna fee millatina qala awalaw kunna kariheena (al-ʾAʿrāf 7:88)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनकी क़ौम के सरदारों ने, जो घमंड में पड़े थे, कहा, 'ऐ शुऐब! हम तुझे और तेरे साथ उन लोगों को, जो ईमान लाए है, अपनी बस्ती से निकालकर रहेंगे। या फिर तुम हमारे पन्थ में लौट आओ।' उसने कहा, 'क्या (तुम यही चाहोगे) यद्यपि यह हमें अप्रिय हो जब भी?

English Sahih:

Said the eminent ones who were arrogant among his people, "We will surely evict you, O Shuaib, and those who have believed with you from our city, or you must return to our religion." He said, "Even if we were unwilling? ([7] Al-A'raf : 88)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो उनकी क़ौम में से जिन लोगों को (अपनी हशमत (दुनिया पर) बड़ा घमण्ड था कहने लगे कि ऐ शुएब हम तुम्हारे साथ ईमान लाने वालों को अपनी बस्ती से निकाल बाहर कर देगें मगर जबकि तुम भी हमारे उसी मज़हब मिल्लत में लौट कर आ जाओ