وَّاَنَّهُمْ ظَنُّوْا كَمَا ظَنَنْتُمْ اَنْ لَّنْ يَّبْعَثَ اللّٰهُ اَحَدًاۖ ( الجن: ٧ )
And that they
وَأَنَّهُمْ
और ये कि वो
thought
ظَنُّوا۟
वो समझते थे
as
كَمَا
जैसा कि
you thought
ظَنَنتُمْ
समझा हमने
that
أَن
कि
never
لَّن
हरगिज़ नहीं
will raise
يَبْعَثَ
भेजेगा
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
anyone
أَحَدًا
किसी एक को
Waannahum thannoo kama thanantum an lan yab'atha Allahu ahadan (al-Jinn 72:7)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'और यह कि उन्होंने गुमान किया जैसे कि तुमने गुमान किया कि अल्लाह किसी (नबी) को कदापि न उठाएगा
English Sahih:
And they had thought, as you thought, that Allah would never send anyone [as a messenger]. ([72] Al-Jinn : 7)