اِذْ يُغَشِّيْكُمُ النُّعَاسَ اَمَنَةً مِّنْهُ وَيُنَزِّلُ عَلَيْكُمْ مِّنَ السَّمَاۤءِ مَاۤءً لِّيُطَهِّرَكُمْ بِهٖ وَيُذْهِبَ عَنْكُمْ رِجْزَ الشَّيْطٰنِ وَلِيَرْبِطَ عَلٰى قُلُوْبِكُمْ وَيُثَبِّتَ بِهِ الْاَقْدَامَۗ ( الأنفال: ١١ )
Ith yughashsheekumu alnnu'asa amanatan minhu wayunazzilu 'alaykum mina alssamai maan liyutahhirakum bihi wayuthhiba 'ankum rijza alshshaytani waliyarbita 'ala quloobikum wayuthabbita bihi alaqdama (al-ʾAnfāl 8:11)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यह करो जबकि वह अपनी ओर से चैन प्रदान कर तुम्हें ऊँघ से ढँक रहा था और वह आकाश से तुमपर पानी बरसा रहा था, ताकि उसके द्वारा तुम्हें अच्छी तरह पाक करे और शैतान की गन्दगी तुमसे दूर करे और तुम्हारे दिलों को मज़बूत करे और उसके द्वारा तुम्हारे क़दमों को जमा दे
English Sahih:
[Remember] when He overwhelmed you with drowsiness [giving] security from Him and sent down upon you from the sky, rain by which to purify you and remove from you the evil [suggestions] of Satan and to make steadfast your hearts and plant firmly thereby your feet. ([8] Al-Anfal : 11)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ये वह वक्त था जब अपनी तरफ से इत्मिनान देने के लिए तुम पर नींद को ग़ालिब कर रहा था और तुम पर आसमान से पानी बरस रहा था ताकि उससे तुम्हें पाक (पाकीज़ा कर दे और तुम से शैतान की गन्दगी दूर कर दे और तुम्हारे दिल मज़बूत कर दे और पानी से (बालू जम जाए) और तुम्हारे क़दम ब क़दम (अच्छी तरह) जमाए रहे