Skip to main content

۞ اِنَّ شَرَّ الدَّوَاۤبِّ عِنْدَ اللّٰهِ الصُّمُّ الْبُكْمُ الَّذِيْنَ لَا يَعْقِلُوْنَ  ( الأنفال: ٢٢ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
worst
شَرَّ
बदतरीन
(of) the living creatures
ٱلدَّوَآبِّ
जानदार
near
عِندَ
अल्लाह के नज़दीक
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के नज़दीक
(are) the deaf
ٱلصُّمُّ
वो बहरे
the dumb -
ٱلْبُكْمُ
गूँगे हैं
those who
ٱلَّذِينَ
जो
(do) not
لَا
नहीं वो अक़्ल से काम लेते
use their intellect
يَعْقِلُونَ
नहीं वो अक़्ल से काम लेते

Inna sharra alddawabbi 'inda Allahi alssummu albukmu allatheena la ya'qiloona (al-ʾAnfāl 8:22)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अल्लाह की स्पष्ट में तो निकृष्ट पशु वे बहरे-गूँगे लोग है, जो बुद्धि से काम नहीं लेते

English Sahih:

Indeed, the worst of living creatures in the sight of Allah are the deaf and dumb who do not use reason [i.e., the disbelievers]. ([8] Al-Anfal : 22)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

इसमें शक़ नहीं कि ज़मीन पर चलने वाले तमाम हैवानात से बदतर ख़ुदा के नज़दीक वह बहरे गूँगे (कुफ्फार) हैं जो कुछ नहीं समझते