याद करो जब तुम्हारी परस्पर मुठभेड़ हुई तो वह तुम्हारी निगाहों में उन्हें कम करके और तुम्हें उनकी निगाहों में कम करके दिखा रहा था, ताकि अल्लाह उस बात का फ़ैसला कर दे जिसका होना निश्चित था। और सारे मामले अल्लाह ही की ओर पलटते है
English Sahih:
And [remember] when He showed them to you, when you met, as few in your eyes, and He made you [appear] as few in their eyes so that Allah might accomplish a matter already destined. And to Allah are [all] matters returned. ([8] Al-Anfal : 44)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ये वह वक्त था) जब तुम लोगों ने मुठभेड़ की तो ख़ुदा ने तुम्हारी ऑखों में कुफ्फ़ार को बहुत कम करके दिखलाया और उनकी ऑखों में तुमको थोड़ा कर दिया ताकि ख़ुदा को जो कुछ करना मंज़ूर था वह पूरा हो जाए और कुल बातों का दारोमदार तो ख़ुदा ही पर है
2 Azizul-Haqq Al-Umary
तथा (याद करो उस समय को) जब अल्लाह उन (शत्रु) को लड़ाई के समय तुम्हारी आँखों में तुम्हारे लिए थोड़ा करके दिखा रहा था और इनकी आँखों में तुम्हें थोड़ा करके दिखा रहा था, ताकि जो होना था, अल्लाह उसका निर्णय कर दे और सभी कर्म अल्लाह ही की ओर फेरे[1] जाते हैं।