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وَاِمَّا تَخَافَنَّ مِنْ قَوْمٍ خِيَانَةً فَانْۢبِذْ اِلَيْهِمْ عَلٰى سَوَاۤءٍۗ اِنَّ اللّٰهَ لَا يُحِبُّ الْخَاۤىِٕنِيْنَ ࣖ   ( الأنفال: ٥٨ )

And if
وَإِمَّا
और अगर
you fear
تَخَافَنَّ
आप वाक़ई ख़ौफ़ रखते हैं
from
مِن
किसी क़ौम से
a people
قَوْمٍ
किसी क़ौम से
betrayal
خِيَانَةً
ख़यानत का
throw back
فَٱنۢبِذْ
पस फेंक दीजिए (अहद)
to them
إِلَيْهِمْ
तरफ़ उनके
on
عَلَىٰ
बराबरी पर
equal (terms)
سَوَآءٍۚ
बराबरी पर
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(does) not
لَا
नहीं वो पसंद करता
love
يُحِبُّ
नहीं वो पसंद करता
the traitors
ٱلْخَآئِنِينَ
ख़यानत करने वालों को

Waimma takhafanna min qawmin khiyanatan fainbith ilayhim 'ala sawain inna Allaha la yuhibbu alkhaineena (al-ʾAnfāl 8:58)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और यदि तुम्हें किसी क़ौम से विश्वासघात की आशंका हो, तो तुम भी उसी प्रकार ऐसे लोगों के साथ हुई संधि को खुल्लम-खुल्ला उनके आगे फेंक दो। निश्चय ही अल्लाह को विश्वासघात करनेवाले प्रिय नहीं

English Sahih:

If you [have reason to] fear from a people betrayal, throw [their treaty] back to them, [putting you] on equal terms. Indeed, Allah does not like traitors. ([8] Al-Anfal : 58)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अगर तुम्हें किसी क़ौम की ख्यानत (एहद शिकनी(वादा ख़िलाफी)) का ख़ौफ हो तो तुम भी बराबर उनका एहद उन्हीं की तरफ से फेंक मारो (एहदो शिकन के साथ एहद शिकनी करो ख़ुदा हरगिज़ दग़ाबाजों को दोस्त नहीं रखता