يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ حَسْبُكَ اللّٰهُ وَمَنِ اتَّبَعَكَ مِنَ الْمُؤْمِنِيْنَ ࣖ ( الأنفال: ٦٤ )
O!
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ
Prophet!
ٱلنَّبِىُّ
नबी
Sufficient for you
حَسْبُكَ
काफ़ी है आपको
(is) Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
and whoever
وَمَنِ
और उसे जो
follows you
ٱتَّبَعَكَ
पैरवी करे आपकी
of
مِنَ
मोमिनों में से
the believers
ٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों में से
Ya ayyuha alnnabiyyu hasbuka Allahu wamani ittaba'aka mina almumineena (al-ʾAnfāl 8:64)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ नबी! तुम्हारे लिए अल्लाह और तुम्हारे ईमानवाले अनुयायी ही काफ़ी है
English Sahih:
O Prophet, sufficient for you is Allah and for whoever follows you of the believers. ([8] Al-Anfal : 64)