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يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ قُلْ لِّمَنْ فِيْٓ اَيْدِيْكُمْ مِّنَ الْاَسْرٰٓىۙ اِنْ يَّعْلَمِ اللّٰهُ فِيْ قُلُوْبِكُمْ خَيْرًا يُّؤْتِكُمْ خَيْرًا مِّمَّآ اُخِذَ مِنْكُمْ وَيَغْفِرْ لَكُمْۗ وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ࣖ   ( الأنفال: ٧٠ )

O!
يَٰٓأَيُّهَا
Prophet!
ٱلنَّبِىُّ
नबी
Say
قُل
कह दीजिए
to whoever
لِّمَن
उनसे जो
(is) in
فِىٓ
तुम्हारे हाथों में है
your hands
أَيْدِيكُم
तुम्हारे हाथों में है
of
مِّنَ
क़ैदियों में से
the captives
ٱلْأَسْرَىٰٓ
क़ैदियों में से
"If
إِن
अगर
knows
يَعْلَمِ
जान लेगा
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
in
فِى
तुम्हारे दिलों में
your hearts
قُلُوبِكُمْ
तुम्हारे दिलों में
any good
خَيْرًا
कोई भलाई
He will give you
يُؤْتِكُمْ
वो देगा तुम्हें
better
خَيْرًا
बेहतर
than what
مِّمَّآ
उससे जो
was taken
أُخِذَ
ले लिया गया
from you
مِنكُمْ
तुम से
and He will forgive
وَيَغْفِرْ
और वो बख़्श देगा
you
لَكُمْۗ
तुम्हें
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) Oft-Forgiving
غَفُورٌ
बहुत बख़्शने वाला है
Most Merciful"
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है

Ya ayyuha alnnabiyyu qul liman fee aydeekum mina alasra in ya'lami Allahu fee quloobikum khayran yutikum khayran mimma okhitha minkum wayaghfir lakum waAllahu ghafoorun raheemun (al-ʾAnfāl 8:70)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ नबी! जो क़ैदी तुम्हारे क़ब्जें में है, उनसे कह दो, 'यदि अल्लाह ने यह जान लिया कि तुम्हारे दिलों में कुछ भलाई है तो वह तुम्हें उससे कहीं उत्तम प्रदान करेगा, जो तुम से छिन गया है और तुम्हें क्षमा कर देगा। और अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है।'

English Sahih:

O Prophet, say to whoever is in your hands of the captives, "If Allah knows [any] good in your hearts, He will give you [something] better than what was taken from you, and He will forgive you; and Allah is Forgiving and Merciful." ([8] Al-Anfal : 70)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ रसूल जो कैदी तुम्हारे कब्जे में है उनसे कह दो कि अगर तुम्हारे दिलों में नेकी देखेगा तो जो (माल) तुम से छीन लिया गया है उससे कहीं बेहतर तुम्हें अता फरमाएगा और तुम्हें बख्श भी देगा और ख़ुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है