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وَمَا يُكَذِّبُ بِهٖٓ اِلَّا كُلُّ مُعْتَدٍ اَثِيْمٍۙ  ( المطففين: ١٢ )

And not
وَمَا
और नहीं
can deny
يُكَذِّبُ
झुठलाता
[of] it
بِهِۦٓ
उसे
except
إِلَّا
मगर
every
كُلُّ
हर
transgressor
مُعْتَدٍ
हद से बढ़ने वाला
sinful
أَثِيمٍ
सख़्त गुनाहगार

Wama yukaththibu bihi illa kullu mu'tadin atheemin (al-Muṭaffifīn 83:12)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और उसे तो बस प्रत्येक वह क्यक्ति ही झूठलाता है जो सीमा का उल्लंघन करनेवाला, पापी है

English Sahih:

And none deny it except every sinful transgressor. ([83] Al-Mutaffifin : 12)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

हालॉकि उसको हद से निकल जाने वाले गुनाहगार के सिवा कोई नहीं झुठलाता