وَالَّيْلِ وَمَا وَسَقَۙ ( الإنشقاق: ١٧ )
And the night
وَٱلَّيْلِ
और रात की
and what
وَمَا
और उसकी जिसे
it envelops
وَسَقَ
वो समेट ले
Waallayli wama wasaqa (al-ʾInšiq̈āq̈ 84:17)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और रात की और उसके समेट लेने की,
English Sahih:
And [by] the night and what it envelops ([84] Al-Inshiqaq : 17)