يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ جَاهِدِ الْكُفَّارَ وَالْمُنٰفِقِيْنَ وَاغْلُظْ عَلَيْهِمْ ۗوَمَأْوٰىهُمْ جَهَنَّمُ وَبِئْسَ الْمَصِيْرُ ( التوبة: ٧٣ )
O Prophet!
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ
O Prophet!
ٱلنَّبِىُّ
नबी
Strive (against)
جَٰهِدِ
जिहाद कीजिए
the disbelievers
ٱلْكُفَّارَ
कुफ़्फ़ार
and the hypocrites
وَٱلْمُنَٰفِقِينَ
और मुनाफ़िक़ीन से
and be stern
وَٱغْلُظْ
और सख़्ती कीजिए
with them
عَلَيْهِمْۚ
उन पर
And their abode
وَمَأْوَىٰهُمْ
और ठिकाना उनका
(is) Hell
جَهَنَّمُۖ
जहन्नम है
and wretched
وَبِئْسَ
और बहुत ही बुरा
(is) the destination
ٱلْمَصِيرُ
ठिकाना है
Ya ayyuha alnnabiyyu jahidi alkuffara waalmunafiqeena waoghluth 'alayhim wamawahum jahannamu wabisa almaseeru (at-Tawbah 9:73)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ नबी! इनकार करनेवालों और मुनाफ़िक़ों से जिहाद करो और उनके साथ सख़्ती से पेश आओ। अन्ततः उनका ठिकाना जहन्नम है और वह जा पहुँचने की बहुत बुरी जगह है!
English Sahih:
O Prophet, fight against the disbelievers and the hypocrites and be harsh upon them. And their refuge is Hell, and wretched is the destination. ([9] At-Tawbah : 73)