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اِنَّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا مِنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ وَالْمُشْرِكِيْنَ فِيْ نَارِ جَهَنَّمَ خٰلِدِيْنَ فِيْهَاۗ اُولٰۤىِٕكَ هُمْ شَرُّ الْبَرِيَّةِۗ  ( البينة: ٦ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
disbelieve
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
from
مِنْ
अहले किताब में से
(the) People
أَهْلِ
अहले किताब में से
(of) the Book
ٱلْكِتَٰبِ
अहले किताब में से
and the polytheists
وَٱلْمُشْرِكِينَ
और मुशरिकीन
(will be) in
فِى
आग में होंगे
(the) Fire
نَارِ
आग में होंगे
(of) Hell
جَهَنَّمَ
जहन्नम की
abiding eternally
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले
therein
فِيهَآۚ
उसमें
Those -
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
they
هُمْ
वो
(are the) worst
شَرُّ
बदतरीन
(of) the creatures
ٱلْبَرِيَّةِ
मख़लूक़

Inna allatheena kafaroo min ahli alkitabi waalmushrikeena fee nari jahannama khalideena feeha olaika hum sharru albariyyati (al-Bayyinah 98:6)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

निस्संदेह किताबवालों और मुशरिकों (बहुदेववादियों) में से जिन लोगों ने इनकार किया है, वे जहन्नम की आग में पड़ेगे; उसमें सदैव रहने के लिए। वही पैदा किए गए प्राणियों में सबसे बुरे है

English Sahih:

Indeed, they who disbelieved among the People of the Scripture and the polytheists will be in the fire of Hell, abiding eternally therein. Those are the worst of creatures. ([98] Al-Bayyinah : 6)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

बेशक अहले किताब और मुशरेकीन से जो लोग (अब तक) काफ़िर हैं वह दोज़ख़ की आग में (होंगे) हमेशा उसी में रहेंगे यही लोग बदतरीन ख़लाएक़ हैं