وَاِنْ يَّمْسَسْكَ اللّٰهُ بِضُرٍّ فَلَا كَاشِفَ لَهٗ ٓاِلَّا هُوَ ۚوَاِنْ يُّرِدْكَ بِخَيْرٍ فَلَا رَاۤدَّ لِفَضْلِهٖۗ يُصِيْبُ بِهٖ مَنْ يَّشَاۤءُ مِنْ عِبَادِهٖ ۗوَهُوَ الْغَفُوْرُ الرَّحِيْمُ ( يونس: ١٠٧ )
Wain yamsaska Allahu bidurrin fala kashifa lahu illa huwa wain yuridka bikhayrin fala radda lifadlihi yuseebu bihi man yashao min 'ibadihi wahuwa alghafooru alrraheemu (al-Yūnus 10:107)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यदि अल्लाह तुम्हें किसी तकलीफ़ में डाल दे तो उसके सिवा कोई उसे दूर करनेवाला नहीं। और यदि वह तुम्हारे लिए किसी भलाई का इरादा कर ले तो कोई उसके अनुग्रह को फेरनेवाला भी नहीं। वह इसे अपने बन्दों में से जिस तक चाहता है, पहुँचाता है और वह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है।'
English Sahih:
And if Allah should touch you with adversity, there is no remover of it except Him; and if He intends for you good, then there is no repeller of His bounty. He causes it to reach whom He wills of His servants. And He is the Forgiving, the Merciful. ([10] Yunus : 107)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (याद रखो कि) अगर ख़ुदा की तरफ से तुम्हें कोई बुराई छू भी गई तो फिर उसके सिवा कोई उसका दफा करने वाला नहीं होगा और अगर तुम्हारे साथ भलाई का इरादा करे तो फिर उसके फज़ल व करम का लपेटने वाला भी कोई नहीं वह अपने बन्दों में से जिसको चाहे फायदा पहुँचाएँ और वह बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है