قُلْ يٰٓاَيُّهَا النَّاسُ قَدْ جَاۤءَكُمُ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكُمْ ۚفَمَنِ اهْتَدٰى فَاِنَّمَا يَهْتَدِيْ لِنَفْسِهٖ ۚوَمَنْ ضَلَّ فَاِنَّمَا يَضِلُّ عَلَيْهَا ۚوَمَآ اَنَا۠ عَلَيْكُمْ بِوَكِيْلٍۗ ( يونس: ١٠٨ )
Qul ya ayyuha alnnasu qad jaakumu alhaqqu min rabbikum famani ihtada fainnama yahtadee linafsihi waman dalla fainnama yadillu 'alayha wama ana 'alaykum biwakeelin (al-Yūnus 10:108)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कह दो, 'ऐ लोगों! तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से सत्य आ चुका है। अब जो कोई मार्ग पर आएगा, तो वह अपने ही लिए मार्ग पर आएगा, और जो कोई पथभ्रष्ट होगा तो वह अपने ही बुरे के लिए पथभ्रष्टि होगा। मैं तुम्हारे ऊपर कोई हवालेदार तो हूँ नहीं।'
English Sahih:
Say, "O mankind, the truth has come to you from your Lord, so whoever is guided is only guided for [the benefit of] his soul, and whoever goes astray only goes astray [in violation] against it. And I am not over you a manager." ([10] Yunus : 108)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि ऐ लोगों तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से तुम्हारे पास हक़ (क़ुरान) आ चुका फिर जो शख़्स सीधी राह पर चलेगा तो वह सिर्फ अपने ही दम के लिए हिदायत एख्तेयार करेगा और जो गुमराही एख्तेयार करेगा वह तो भटक कर कुछ अपना ही खोएगा और मैं कुछ तुम्हारा ज़िम्मेदार तो हूँ नहीं