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وَالَّذِيْنَ كَسَبُوا السَّيِّاٰتِ جَزَاۤءُ سَيِّئَةٍ ۢبِمِثْلِهَاۙ وَتَرْهَقُهُمْ ذِلَّةٌ ۗمَا لَهُمْ مِّنَ اللّٰهِ مِنْ عَاصِمٍۚ كَاَنَّمَآ اُغْشِيَتْ وُجُوْهُهُمْ قِطَعًا مِّنَ الَّيْلِ مُظْلِمًاۗ اُولٰۤىِٕكَ اَصْحٰبُ النَّارِ ۚهُمْ فِيْهَا خٰلِدُوْنَ   ( يونس: ٢٧ )

And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जिन्होंने
earned
كَسَبُوا۟
कमाईं
the evil deeds
ٱلسَّيِّـَٔاتِ
बुराईयाँ
(the) recompense
جَزَآءُ
बदला (तो)
(of) an evil deed
سَيِّئَةٍۭ
बुराई का
(is) like it
بِمِثْلِهَا
उसी की मानिन्द है
and (will) cover them
وَتَرْهَقُهُمْ
और छा जाएगी उन पर
humiliation
ذِلَّةٌۖ
ज़िल्लत
They will not have
مَّا
नहीं है
They will not have
لَهُم
उनके लिए
from
مِّنَ
अल्लाह से
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह से
any
مِنْ
कोई बचाने वाला
defender
عَاصِمٍۖ
कोई बचाने वाला
As if
كَأَنَّمَآ
गोया कि
had been covered
أُغْشِيَتْ
ढाँप दिए गए हैं
their faces
وُجُوهُهُمْ
चेहरे उनके
(with) pieces
قِطَعًا
टुकड़ों से
from
مِّنَ
रात के
the darkness (of) night
ٱلَّيْلِ
रात के
the darkness (of) night
مُظْلِمًاۚ
तारीक
Those
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
(are the) companions
أَصْحَٰبُ
साथी
(of) the Fire
ٱلنَّارِۖ
आग के
they
هُمْ
वो
in it
فِيهَا
उसमें
(will) abide forever
خَٰلِدُونَ
हमेशा रहने वाले हैं

Waallatheena kasaboo alssayyiati jazao sayyiatin bimithliha watarhaquhum thillatun ma lahum mina Allahi min 'asimin kaannama oghshiyat wujoohuhum qita'an mina allayli muthliman olaika ashabu alnnari hum feeha khalidoona (al-Yūnus 10:27)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

रहे वे लोग जिन्होंने बुराइयाँ कमाई, तो एक बुराई का बदला भी उसी जैसा होगा; और ज़िल्लत उनपर छा रही होगी। उन्हें अल्लाह से बचानेवाला कोई न होगा। उनके चहरों पर मानो अँधेरी रात के टुकड़े ओढ़ा दिए गए हों। वही आगवाले हैं, उन्हें उसमें सदैव रहना है

English Sahih:

But they who have earned [blame for] evil doings – the recompense of an evil deed is its equivalent, and humiliation will cover them. They will have from Allah no protector. It will be as if their faces are covered with pieces of the night – so dark [are they]. Those are the companions of the Fire; they will abide therein eternally. ([10] Yunus : 27)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जिन लोगों ने बुरे काम किए हैं तो गुनाह की सज़ा उसके बराबर है और उन पर रुसवाई छाई होगी ख़ुदा (के अज़ाब) से उनका कोई बचाने वाला न होगा (उनके मुह ऐसे काले होंगे) गोया उनके चेहरे यबों यज़ूर (अंधेरी रात) के टुकड़े से ढक दिए गए हैं यही लोग जहन्नुमी हैं कि ये उसमें हमेशा रहेंगे