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قُلْ لَّآ اَمْلِكُ لِنَفْسِيْ ضَرًّا وَّلَا نَفْعًا اِلَّا مَا شَاۤءَ اللّٰهُ ۗ لِكُلِّ اُمَّةٍ اَجَلٌ ۚاِذَا جَاۤءَ اَجَلُهُمْ فَلَا يَسْتَأْخِرُوْنَ سَاعَةً وَّلَا يَسْتَقْدِمُوْنَ   ( يونس: ٤٩ )

Say
قُل
कह दीजिए
"Not
لَّآ
नहीं मैं मालिक
I have power
أَمْلِكُ
नहीं मैं मालिक
for myself
لِنَفْسِى
अपनी जान के लिए
(for) any harm
ضَرًّا
किसी नुक़सान का
and not
وَلَا
और ना
(for) any profit
نَفْعًا
किसी नफ़ा का
except
إِلَّا
मगर
what
مَا
जो
Allah wills
شَآءَ
चाहे
Allah wills
ٱللَّهُۗ
अल्लाह
For every
لِكُلِّ
वास्ते हर
nation
أُمَّةٍ
उम्मत के
(is) a term
أَجَلٌۚ
एक मुक़र्रर मुद्दत है
When
إِذَا
जब
comes
جَآءَ
आ जाएगी
their term
أَجَلُهُمْ
मुक़र्रर मुद्दत उनकी
then not
فَلَا
तो नहीं
they remain behind
يَسْتَـْٔخِرُونَ
वो पीछे रह सकेंगे
an hour
سَاعَةًۖ
एक घड़ी
and not
وَلَا
और ना
they can precede (it)"
يَسْتَقْدِمُونَ
वो आगे बढ़ सकेंगे

Qul la amliku linafsee darran wala naf'an illa ma shaa Allahu likulli ommatin ajalun itha jaa ajaluhum fala yastakhiroona sa'atan wala yastaqdimoona (al-Yūnus 10:49)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कहो, 'मुझे अपने लिए न तो किसी हानि का अधिकार प्राप्त है और न लाभ का, बल्कि अल्लाह जो चाहता है वही होता है। हर समुदाय के लिए एक नियत समय है, जब उनका नियत समय आ जाता है तो वे न घड़ी भर पीछे हट सकते है और न आगे बढ़ सकते है।'

English Sahih:

Say, "I possess not for myself any harm or benefit except what Allah should will. For every nation is a [specified] term. When their time has come, then they will not remain behind an hour, nor will they precede [it]." ([10] Yunus : 49)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मै खुद अपने वास्ते नुकसान पर क़ादिर हूँ न नफा पर मगर जो ख़ुदा चाहे हर उम्मत (के रहने) का (उसके इल्म में) एक वक्त मुक़र्रर है-जब उन का वक्त आ जाता है तो न एक घड़ी पीछे हट सकती हैं और न आगे बढ़ सकते हैं