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۞ وَاتْلُ عَلَيْهِمْ نَبَاَ نُوْحٍۘ اِذْ قَالَ لِقَوْمِهٖ يٰقَوْمِ اِنْ كَانَ كَبُرَ عَلَيْكُمْ مَّقَامِيْ وَتَذْكِيْرِيْ بِاٰيٰتِ اللّٰهِ فَعَلَى اللّٰهِ تَوَكَّلْتُ فَاَجْمِعُوْٓا اَمْرَكُمْ وَشُرَكَاۤءَكُمْ ثُمَّ لَا يَكُنْ اَمْرُكُمْ عَلَيْكُمْ غُمَّةً ثُمَّ اقْضُوْٓا اِلَيَّ وَلَا تُنْظِرُوْنِ   ( يونس: ٧١ )

And recite
وَٱتْلُ
और पढ़िए
to them
عَلَيْهِمْ
उन पर
the news
نَبَأَ
खबर
(of) Nuh
نُوحٍ
नूह की
when
إِذْ
जब
he said
قَالَ
उसने कहा
to his people
لِقَوْمِهِۦ
अपनी क़ौम से
"O my people!
يَٰقَوْمِ
ऐ मेरी क़ौम
If
إِن
अगर
is
كَانَ
है
hard
كَبُرَ
भारी
on you
عَلَيْكُم
तुम पर
my stay
مَّقَامِى
खड़ा होना मेरा
and my reminding
وَتَذْكِيرِى
और नसीहत करना मेरा
the Signs of Allah
بِـَٔايَٰتِ
साथ अल्लाह की आयात के
the Signs of Allah
ٱللَّهِ
साथ अल्लाह की आयात के
then on
فَعَلَى
तो अल्लाह ही पर
Allah
ٱللَّهِ
तो अल्लाह ही पर
I put my trust
تَوَكَّلْتُ
तवक्कल किया मैंने
So you all resolve
فَأَجْمِعُوٓا۟
तो पुख़्ता कर लो तुम
your plan
أَمْرَكُمْ
मामला अपना
and your partners
وَشُرَكَآءَكُمْ
और शरीक तुम्हारे (भी)
Then
ثُمَّ
फिर
let not be
لَا
ना हो
let not be
يَكُنْ
ना हो
(in) your plan
أَمْرُكُمْ
मामला तुम्हारा
for you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
any doubt
غُمَّةً
पोशीदा/मख़्फी
Then
ثُمَّ
फिर
carry (it out)
ٱقْضُوٓا۟
फ़ैसला करो
upon me
إِلَىَّ
साथ मेरे
and (do) not
وَلَا
और ना
give me respite
تُنظِرُونِ
तुम मोहलत दो मुझे

Waotlu 'alayhim nabaa noohin ith qala liqawmihi ya qawmi in kana kabura 'alaykum maqamee watathkeeree biayati Allahi fa'ala Allahi tawakkaltu faajmi'oo amrakum washurakaakum thumma la yakun amrukum 'alaykum ghummatan thumma iqdoo ilayya wala tunthirooni (al-Yūnus 10:71)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उन्हें नूह का वृत्तान्त सुनाओ। जब उसने अपनी क़ौम से कहा, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगो! यदि मेरा खड़ा होना और अल्लाह की आयतों के द्वारा नसीहत करना तुम्हें भारी हो गया है तो मेरा भरोसा अल्लाह पर है। तु अपना मामला ठहरा लो और अपने ठहराए हुए साझीदारों को भी साथ ले लो, फिर तुम्हारा मामला तुम पर कुछ संदिग्ध न रहे; फिर मेरे साथ जो कुछ करना है, कर डालों और मुझे मुहलत न दो।'

English Sahih:

And recite to them the news of Noah, when he said to his people, "O my people, if my residence and my reminding of the signs of Allah has become burdensome upon you – then I have relied upon Allah. So resolve upon your plan and [call upon] your associates. Then let not your plan be obscure to you. Then carry it out upon me and do not give me respite. ([10] Yunus : 71)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (ऐ रसूल) तुम उनके सामने नूह का हाल पढ़ दो जब उन्होंने अपनी क़ौम से कहा ऐ मेरी क़ौम अगर मेरा ठहरना और ख़ुदा की आयतों का चर्चा करना तुम पर शाक़ व गिरां (बुरा) गुज़रता है तो मैं सिर्फ ख़ुदा ही पर भरोसा रखता हूँ तो तुम और तुमहारे शरीक़ सब मिलकर अपना काम ठीक कर लो फिर तुम्हारी बात तुम (में से किसी) पर महज़ (छुपी) न रहे फिर (जो तुम्हारा जी चाहे) मेरे साथ कर गुज़रों और गुझे (दम मारने की भी) मोहलत न दो