وَلَقَدْ بَوَّأْنَا بَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَ مُبَوَّاَ صِدْقٍ وَّرَزَقْنٰهُمْ مِّنَ الطَّيِّبٰتِ ۚفَمَا اخْتَلَفُوْا حَتّٰى جَاۤءَهُمُ الْعِلْمُ ۗاِنَّ رَبَّكَ يَقْضِيْ بَيْنَهُمْ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ فِيْمَا كَانُوْا فِيْهِ يَخْتَلِفُوْنَ ( يونس: ٩٣ )
Walaqad bawwana banee israeela mubawwaa sidqin warazaqnahum mina alttayyibati fama ikhtalafoo hatta jaahumu al'ilmu inna rabbaka yaqdee baynahum yawma alqiyamati feema kanoo feehi yakhtalifoona (al-Yūnus 10:93)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और हमने इसराईल की सन्तान को अच्छा, सम्मानित ठिकाना दिया औ उन्हें अच्छी आजीविका प्रदान की। फिर उन्होंने उस समय विभेद किया, जबकि ज्ञान उनके पास आ चुका था। निश्चय ही तुम्हारा रब क़ियामत के दिन उनके बीच उस चीज़ का फ़ैसला कर देगा, जिसमें वे विभेद करते रहे है
English Sahih:
And We had certainly settled the Children of Israel in an agreeable settlement and provided them with good things. And they did not differ until [after] knowledge had come to them. Indeed, your Lord will judge between them on the Day of Resurrection concerning that over which they used to differ. ([10] Yunus : 93)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और हमने बनी इसराइल को (मालिक शाम में) बहुत अच्छी जगह बसाया और उन्हं अच्छी अच्छी चीज़ें खाने को दी तो उन लोगों के पास जब तक इल्म (न) आ चुका उन लोगों ने एख्तेलाफ़ नहीं किया इसमें तो शक़ ही नहीं जिन बातों में ये (दुनिया में) बाहम झगड़े रहे है क़यामत के दिन तुम्हारा परवरदिगार इसमें फैसला कर देगा