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فَاِلَّمْ يَسْتَجِيْبُوْا لَكُمْ فَاعْلَمُوْٓا اَنَّمَآ اُنْزِلَ بِعِلْمِ اللّٰهِ وَاَنْ لَّآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ۚفَهَلْ اَنْتُمْ مُّسْلِمُوْنَ  ( هود: ١٤ )

Then if not
فَإِلَّمْ
फिर अगर ना
they respond
يَسْتَجِيبُوا۟
वो जवाब दें
to you
لَكُمْ
तुम्हें
then know
فَٱعْلَمُوٓا۟
तो जान लो
that
أَنَّمَآ
कि बेशक
it was sent down
أُنزِلَ
ये नाज़िल किया गया है
with the knowledge of Allah
بِعِلْمِ
अल्लाह के इल्म से
with the knowledge of Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के इल्म से
and that
وَأَن
और ये कि
(there is) no
لَّآ
नहीं
god
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
except
إِلَّا
मगर
Him
هُوَۖ
वो ही
Then, would
فَهَلْ
तो क्या
you
أَنتُم
तुम
(be) Muslims?
مُّسْلِمُونَ
इस्लाम लाने वाले हो

Fai llam yastajeeboo lakum fai'lamoo annama onzila bi'ilmi Allahi waan la ilaha illa huwa fahal antum muslimoona (Hūd 11:14)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर यदि वे तुम्हारी बातें न मानें तो जान लो, यह अल्लाह के ज्ञान ही के साथ अवतरित हुआ है। और यह कि उसके सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं। तो अब क्या तुम मुस्लिम (आज्ञाकारी) होते हो?

English Sahih:

And if they do not respond to you – then know that it [i.e., the Quran] was revealed with the knowledge of Allah and that there is no deity except Him. Then, would you [not] be Muslims? ([11] Hud : 14)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ख़ुदा के सिवा जिस जिस के तुम्हे बुलाते बन पड़े मदद के वास्ते बुला लो उस पर अगर वह तुम्हारी न सुने तो समझ ले कि (ये क़ुरान) सिर्फ ख़ुदा के इल्म से नाज़िल किया गया है और ये कि ख़ुदा के सिवा कोई माबूद नहीं तो क्या तुम अब भी इस्लाम लाओगे (या नहीं)