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قَالُوْٓا اَتَعْجَبِيْنَ مِنْ اَمْرِ اللّٰهِ رَحْمَتُ اللّٰهِ وَبَرَكٰتُهٗ عَلَيْكُمْ اَهْلَ الْبَيْتِۗ اِنَّهُ حَمِيْدٌ مَّجِيْدٌ  ( هود: ٧٣ )

They said
قَالُوٓا۟
उन्होंने कहा
"Are you amazed
أَتَعْجَبِينَ
क्या तू ताज्जुब करती है
at
مِنْ
हुक्म से
(the) decree of Allah?
أَمْرِ
हुक्म से
(the) decree of Allah?
ٱللَّهِۖ
अल्लाह के
The Mercy of Allah
رَحْمَتُ
रहमत हो
The Mercy of Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की
and His blessings
وَبَرَكَٰتُهُۥ
और बरकतें हों उसकी
(be) upon you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
people
أَهْلَ
ऐ अहले बैत
(of) the house
ٱلْبَيْتِۚ
ऐ अहले बैत
Indeed, He
إِنَّهُۥ
बेशक वो
(is) All-Praiseworthy
حَمِيدٌ
बहुत तारीफ़ वाला है
All-Glorious"
مَّجِيدٌ
बड़ी शान वाला है

Qaloo ata'jabeena min amri Allahi rahmatu Allahi wabarakatuhu 'alaykum ahla albayti innahu hameedun majeedun (Hūd 11:73)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे बोले, 'क्या अल्लाह के आदेश पर तुम आश्चर्य करती हो? घरवालो! तुम लोगों पर तो अल्लाह की दयालुता और उसकी बरकतें है। वह निश्चय ही प्रशंसनीय, गौरववाला है।'

English Sahih:

They said, "Are you amazed at the decree of Allah? May the mercy of Allah and His blessings be upon you, people of the house. Indeed, He is Praiseworthy and Honorable." ([11] Hud : 73)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

वह फरिश्ते बोले (हाए) तुम ख़ुदा की कुदरत से ताज्जुब करती हो ऐ अहले बैत (नबूवत) तुम पर ख़ुदा की रहमत और उसकी बरकते (नाज़िल हो) इसमें शक़ नहीं कि वह क़ाबिल हम्द (वासना) बुज़ुर्ग हैं