وَيٰقَوْمِ اعْمَلُوْا عَلٰى مَكَانَتِكُمْ اِنِّيْ عَامِلٌ ۗسَوْفَ تَعْلَمُوْنَۙ مَنْ يَّأْتِيْهِ عَذَابٌ يُّخْزِيْهِ وَمَنْ هُوَ كَاذِبٌۗ وَارْتَقِبُوْٓا اِنِّيْ مَعَكُمْ رَقِيْبٌ ( هود: ٩٣ )
Waya qawmi i'maloo 'ala makanatikum innee 'amilun sawfa ta'lamoona man yateehi 'athabun yukhzeehi waman huwa kathibun wairtaqiboo inne ma'akum raqeebun (Hūd 11:93)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ मेरी क़ौम के लोगो! तुम अपनी जगह कर्म करते रहो, मैं भी कर रहा हूँ। शीघ्र ही तुमको ज्ञात हो जाएगा कि किसपर वह यातना आती है, जो उसे अपमानित करके रहेगी, और कौन है जो झूठा है! प्रतीक्षा करो, मैं भी तुम्हारे साथ प्रतीक्षा कर रहा हूँ।'
English Sahih:
And O my people, work according to your position; indeed, I am working. You are going to know to whom will come a punishment that will disgrace him and who is a liar. So watch; indeed, I am with you a watcher, [awaiting the outcome]." ([11] Hud : 93)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और ऐ मेरी क़ौम तुम अपनी जगह (जो चाहो) करो मैं भी (बजाए खुद) कुछ करता हू अनक़रीब ही तुम्हें मालूम हो जाएगा कि किस पर अज़ाब नाज़िल होता है जा उसको (लोगों की नज़रों में) रुसवा कर देगा और (ये भी मालूम हो जाएगा कि) कौन झूठा है तुम भी मुन्तिज़र रहो मैं भी तुम्हारे साथ इन्तेज़ार करता हूँ