۞ وَقَالَ نِسْوَةٌ فِى الْمَدِيْنَةِ امْرَاَتُ الْعَزِيْزِ تُرَاوِدُ فَتٰىهَا عَنْ نَّفْسِهٖۚ قَدْ شَغَفَهَا حُبًّاۗ اِنَّا لَنَرٰىهَا فِيْ ضَلٰلٍ مُّبِيْنٍ ( يوسف: ٣٠ )
And said
وَقَالَ
और कहा
women
نِسْوَةٌ
औरतों ने
in
فِى
शहर में
the city
ٱلْمَدِينَةِ
शहर में
"The wife of
ٱمْرَأَتُ
औरत
Aziz
ٱلْعَزِيزِ
अज़ीज़ की
(is) seeking to seduce
تُرَٰوِدُ
वो फुसलाती है
her slave boy
فَتَىٰهَا
अपने ग़ुलाम को
about
عَن
उसके नफ़्स से
himself;
نَّفْسِهِۦۖ
उसके नफ़्स से
indeed
قَدْ
तहक़ीक़
he has impassioned her
شَغَفَهَا
वो उसके दिल में दाख़िल हो गया है
(with) love
حُبًّاۖ
मोहब्बत की रू से
Indeed we
إِنَّا
बेशक हम
[we] surely see her
لَنَرَىٰهَا
अलबत्ता हम देखती हैं उसे
in
فِى
गुमराही में
an error
ضَلَٰلٍ
गुमराही में
clear"
مُّبِينٍ
खुली-खुली
Waqala niswatun fee almadeenati imraatu al'azeezi turawidu fataha 'an nafsihi qad shaghafaha hubban inna lanaraha fee dalalin mubeenin (Yūsuf 12:30)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
नगर की स्त्रियाँ कहने लगी, 'अज़ीज़ की पत्नी अपने नवयुवक ग़ुलाम पर डोरे डालना चाहती है। वह प्रेम-प्रेरणा से उसके मन में घर कर गया है। हम तो उसे देख रहे हैं कि वह खुली ग़लती में पड़ गई है।'
English Sahih:
And women in the city said, "The wife of al-Azeez is seeking to seduce her slave boy; he has impassioned her with love. Indeed, we see her [to be] in clear error." ([12] Yusuf : 30)