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قَالَ تَزْرَعُوْنَ سَبْعَ سِنِيْنَ دَاَبًاۚ فَمَا حَصَدْتُّمْ فَذَرُوْهُ فِيْ سُنْۢبُلِهٖٓ اِلَّا قَلِيْلًا مِّمَّا تَأْكُلُوْنَ   ( يوسف: ٤٧ )

He said
قَالَ
उसने कहा
"You will sow
تَزْرَعُونَ
तुम खेती-बाड़ी करोगे
(for) seven
سَبْعَ
सात
years
سِنِينَ
साल
as usual
دَأَبًا
मुतावातिर
and that which
فَمَا
पस जो
you reap
حَصَدتُّمْ
काट लो तुम
so leave it
فَذَرُوهُ
तो छोड़ देना उसे
in
فِى
उसकी बाली में
its ears
سُنۢبُلِهِۦٓ
उसकी बाली में
except
إِلَّا
मगर
a little
قَلِيلًا
थोड़ा
from which
مِّمَّا
उसमें से जो
you (will) eat
تَأْكُلُونَ
तुम खाओ

Qala tazra'oona sab'a sineena daaban fama hasadtum fatharoohu fee sunbulihi illa qaleelan mimma takuloona (Yūsuf 12:47)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसने कहा, 'सात वर्ष तक तुम व्यवहारतः खेती करते रहोगे। फिर तुम जो फ़सल काटो तो थोड़े हिस्से के सिवा जो तुम्हारे खाने के काम आए शेष को उसकी बाली में रहने देना

English Sahih:

[Joseph] said, "You will plant for seven years consecutively; and what you harvest leave in its spikes, except a little from which you will eat. ([12] Yusuf : 47)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ताकि उनको भी (तुम्हारी क़दर) मालूम हो जाए यूसुफ ने कहा (इसकी ताबीर ये है) कि तुम लोग लगातार सात बरस काश्तकारी करते रहोगे तो जो (फसल) तुम काटो उस (के दाने) को बालियों में रहने देना (छुड़ाना नहीं) मगर थोड़ा (बहुत) जो तुम खुद खाओ