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فَلَمَّا جَهَّزَهُمْ بِجَهَازِهِمْ جَعَلَ السِّقَايَةَ فِيْ رَحْلِ اَخِيْهِ ثُمَّ اَذَّنَ مُؤَذِّنٌ اَيَّتُهَا الْعِيْرُ اِنَّكُمْ لَسَارِقُوْنَ  ( يوسف: ٧٠ )

So when
فَلَمَّا
फिर जब
he had furnished them
جَهَّزَهُم
उसने तैयार करके दिया उन्हें
with their supplies
بِجَهَازِهِمْ
सामान उनका
he put
جَعَلَ
उसने रख दिया
the drinking cup
ٱلسِّقَايَةَ
प्याला
in
فِى
सामान में
the bag
رَحْلِ
सामान में
(of) his brother
أَخِيهِ
अपने भाई के
Then
ثُمَّ
फिर
called out
أَذَّنَ
पुकारा
an announcer
مُؤَذِّنٌ
एक पुकारने वाले ने
"O you
أَيَّتُهَا
ऐ क़ाफ़िले वालो
(in) the caravan!
ٱلْعِيرُ
ऐ क़ाफ़िले वालो
Indeed you
إِنَّكُمْ
बेशक तुम
surely (are) thieves"
لَسَٰرِقُونَ
अलबत्ता चोर हो

Falamma jahhazahum bijahazihim ja'ala alssiqayata fee rahli akheehi thumma aththana muaththinun ayyatuha al'eeru innakum lasariqoona (Yūsuf 12:70)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर जब उनका सामान तैयार कर दिया तो अपने भाई के सामान में पानी पीने का प्याला रख दिया। फिर एक पुकारनेवाले ने पुकारकर कहा, 'ऐ क़ाफ़िलेवालो! निश्चय ही तुम चोर हो।'

English Sahih:

So when he had furnished them with their supplies, he put the [gold measuring] bowl into the bag of his brother. Then an announcer called out, "O caravan, indeed you are thieves." ([12] Yusuf : 70)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर जब यूसुफ ने उन का साज़ो सामान सफर ग़ल्ला (वग़ैरह) दुरुस्त करा दिया तो अपने भाई के असबाब में पानी पीने का कटोरा (यूसुफ के इशारे) से रखवा दिया फिर एक मुनादी ललकार के बोला कि ऐ क़ाफ़िले वालों (हो न हो) यक़ीनन तुम्ही लोग ज़रुर चोर हो