جَنّٰتُ عَدْنٍ يَّدْخُلُوْنَهَا وَمَنْ صَلَحَ مِنْ اٰبَاۤىِٕهِمْ وَاَزْوَاجِهِمْ وَذُرِّيّٰتِهِمْ وَالْمَلٰۤىِٕكَةُ يَدْخُلُوْنَ عَلَيْهِمْ مِّنْ كُلِّ بَابٍۚ ( الرعد: ٢٣ )
Gardens
جَنَّٰتُ
बाग़ात हैं
of Eden
عَدْنٍ
हमेशगी के
they will enter them
يَدْخُلُونَهَا
वो दाख़िल होंगे उनमें
and whoever
وَمَن
और जो कोई
(were) righteous
صَلَحَ
नेक हुआ
among
مِنْ
उनके आबा ओ अजदाद में से
their fathers
ءَابَآئِهِمْ
उनके आबा ओ अजदाद में से
and their spouses
وَأَزْوَٰجِهِمْ
और उनकी बीवियों में से
and their offsprings
وَذُرِّيَّٰتِهِمْۖ
और उनकी औलाद में से
And the Angels
وَٱلْمَلَٰٓئِكَةُ
और फ़रिश्ते
will enter
يَدْخُلُونَ
वो दाख़िल होंगे
upon them
عَلَيْهِم
उन पर
from
مِّن
हर दरवाज़े से
every
كُلِّ
हर दरवाज़े से
gate
بَابٍ
हर दरवाज़े से
Jannatu 'adnin yadkhuloonaha waman salaha min abaihim waazwajihim wathurriyyatihim waalmalaikatu yadkhuloona 'alayhim min kulli babin (ar-Raʿd 13:23)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अर्थात सदैव रहने के बाग़ है जिनमें वे प्रवेश करेंगे और उनके बाप-दादा और उनकी पत्नियों और उनकी सन्तानों में से जो नेक होंगे वे भी और हर दरवाज़े से फ़रिश्ते उनके पास पहुँचेंगे
English Sahih:
Gardens of perpetual residence; they will enter them with whoever were righteous among their forefathers, their spouses and their descendants. And the angels will enter upon them from every gate, [saying], ([13] Ar-Ra'd : 23)