وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا رُسُلًا مِّنْ قَبْلِكَ وَجَعَلْنَا لَهُمْ اَزْوَاجًا وَّذُرِّيَّةً ۗوَمَا كَانَ لِرَسُوْلٍ اَنْ يَّأْتِيَ بِاٰيَةٍ اِلَّا بِاِذْنِ اللّٰهِ ۗلِكُلِّ اَجَلٍ كِتَابٌ ( الرعد: ٣٨ )
Walaqad arsalna rusulan min qablika waja'alna lahum azwajan wathurriyyatan wama kana lirasoolin an yatiya biayatin illa biithni Allahi likulli ajalin kitabun (ar-Raʿd 13:38)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुमसे पहले भी हम, कितने ही रसूल भेज चुके है और हमने उन्हें पत्नियों और बच्चे भी दिए थे, और किसी रसूल को यह अधिकार नहीं था कि वह अल्लाह की अनुमति के बिना कोई निशानी स्वयं ला लेता। हर चीज़ के एक समय जो अटल लिखित है
English Sahih:
And We have already sent messengers before you and assigned to them wives and descendants. And it was not for a messenger to come with a sign except by permission of Allah. For every term is a decree. ([13] Ar-Ra'd : 38)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और हमने तुमसे पहले और (भी) बहुतेरे पैग़म्बर भेजे और हमने उनको बीवियाँ भी दी और औलाद (भी अता की) और किसी पैग़म्बर की ये मजाल न थी कि कोई मौजिज़ा ख़ुदा की इजाज़त के बगैर ला दिखाए हर एक वक्त (मौऊद) के लिए (हमारे यहाँ) एक (क़िस्म की) तहरीर (होती) है