۞ وَاِنْ تَعْجَبْ فَعَجَبٌ قَوْلُهُمْ ءَاِذَا كُنَّا تُرَابًا ءَاِنَّا لَفِيْ خَلْقٍ جَدِيْدٍ ەۗ اُولٰۤىِٕكَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا بِرَبِّهِمْۚ وَاُولٰۤىِٕكَ الْاَغْلٰلُ فِيْٓ اَعْنَاقِهِمْۚ وَاُولٰۤىِٕكَ اَصْحٰبُ النَّارِۚ هُمْ فِيْهَا خٰلِدُوْنَ ( الرعد: ٥ )
Wain ta'jab fa'ajabun qawluhum aitha kunna turaban ainna lafee khalqin jadeedin olaika allatheena kafaroo birabbihim waolaika alaghlalu fee a'naqihim waolaika ashabu alnnari hum feeha khalidoona (ar-Raʿd 13:5)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अब यदि तुम्हें आश्चर्य ही करना है तो आश्चर्य की बात तो उनका यह कहना है कि ,'क्या जब हम मिट्टी हो जाएँगे तो क्या हम नए सिरे से पैदा भी होंगे?' वही हैं जिन्होंने अपने रब के साथ इनकार की नीति अपनाई और वही है, जिनकी गर्दनों मे तौक़ पड़े हुए है और वही आग (में पड़ने) वाले है जिसमें उन्हें सदैव रहना है
English Sahih:
And if you are astonished, [O Muhammad] – then astonishing is their saying, "When we are dust, will we indeed be [brought] into a new creation?" Those are the ones who have disbelieved in their Lord, and those will have shackles upon their necks, and those are the companions of the Fire; they will abide therein eternally. ([13] Ar-Ra'd : 5)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और अगर तुम्हें (किसी बात पर) ताज्जुब होता है तो उन कुफ्फारों को ये क़ौल ताज्जुब की बात है कि जब हम (सड़गल कर) मिट्टी हो जाएंगें तो क्या हम (फिर दोबारा) एक नई जहन्नुम में आंऎंगें ये वही लोग हैं जिन्होंने अपने परवरदिगार के साथ कुफ्र किया और यही वह लोग हैं जिनकी गर्दनों में (क़यामत के दिन) तौक़ पड़े होगें और यही लोग जहन्नुमी हैं कि ये इसमें हमेशा रहेगें