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الۤرٰ ۗ كِتٰبٌ اَنْزَلْنٰهُ اِلَيْكَ لِتُخْرِجَ النَّاسَ مِنَ الظُّلُمٰتِ اِلَى النُّوْرِ ەۙ بِاِذْنِ رَبِّهِمْ اِلٰى صِرَاطِ الْعَزِيْزِ الْحَمِيْدِۙ  ( ابراهيم: ١ )

Alif Laam Ra
الٓرۚ
अलिफ़ लाम रा
A Book
كِتَٰبٌ
एक किताब है (ये)
which We have revealed
أَنزَلْنَٰهُ
नाज़िल किया हमने उसे
to you
إِلَيْكَ
तरफ़ आपके
so that you may bring out
لِتُخْرِجَ
ताकि आप निकालें
the mankind
ٱلنَّاسَ
लोगों को
from
مِنَ
अँधेरों से
the darkness[es]
ٱلظُّلُمَٰتِ
अँधेरों से
to
إِلَى
तरफ़ रोशनी के
the light
ٱلنُّورِ
तरफ़ रोशनी के
by the permission
بِإِذْنِ
साथ इज़्न के
(of) their Lord
رَبِّهِمْ
उनके रब के
to
إِلَىٰ
तरफ़ रास्ते
the Path
صِرَٰطِ
तरफ़ रास्ते
(of) the All-Mighty
ٱلْعَزِيزِ
बहुत ज़बरदस्त
the Praiseworthy
ٱلْحَمِيدِ
ख़ूब तारीफ़ वाले के

Aliflamra kitabun anzalnahu ilayka litukhrija alnnasa mina alththulumati ila alnnoori biithni rabbihim ila sirati al'azeezi alhameedi (ʾIbrāhīm 14:1)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। यह एक किताब है जिसे हमने तुम्हारी ओर अवतरित की है, ताकि तुम मनुष्यों को अँधेरों से निकालकर प्रकाश की ओर ले आओ, उनके रब की अनुमति से प्रभुत्वशाली, प्रशंस्य सत्ता, उस अल्लाह के मार्ग की ओर

English Sahih:

Alif, Lam, Ra. [This is] a Book which We have revealed to you, [O Muhammad], that you might bring mankind out of darknesses into the light by permission of their Lord – to the path of the Exalted in Might, the Praiseworthy – ([14] Ibrahim : 1)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

अलिफ़ लाम रा ऐ रसूल ये (क़ुरान वह) किताब है जिसकों हमने तुम्हारे पास इसलिए नाज़िल किया है कि तुम लोगों को परवरदिगार के हुक्म से (कुफ्र की) तारीकी से (ईमान की) रौशनी में निकाल लाओ ग़रज़ उसकी राह पर लाओ जो सब पर ग़ालिब और सज़ावार हम्द है