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وَمَآ اَهْلَكْنَا مِنْ قَرْيَةٍ اِلَّا وَلَهَا كِتَابٌ مَّعْلُوْمٌ   ( الحجر: ٤ )

And not
وَمَآ
और नहीं
We destroyed
أَهْلَكْنَا
हलाक किया
any
مِن
किसी बस्ती को
town
قَرْيَةٍ
किसी बस्ती को
but
إِلَّا
मगर
(there was) for it
وَلَهَا
जबकि उसके लिए
a decree
كِتَابٌ
लिखा हुआ है
known
مَّعْلُومٌ
मालूम (वक़्त)

Wama ahlakna min qaryatin illa walaha kitabun ma'loomun (al-Ḥijr 15:4)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हमने जिस बस्ती को भी विनष्ट किया है, उसके लिए अनिवार्यतः एक निश्चित फ़ैसला रहा है!

English Sahih:

And We did not destroy any city but that for it was a known decree. ([15] Al-Hijr : 4)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

अनक़रीब ही (इसका नतीजा) उन्हें मालूम हो जाएगा और हमने कभी कोई बस्ती तबाह नहीं की मगर ये कि उसकी तबाही के लिए (पहले ही से) समझी बूझी मियाद मुक़र्रर लिखी हुई थी