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فَكُلُوْا مِمَّا رَزَقَكُمُ اللّٰهُ حَلٰلًا طَيِّبًاۖ وَّاشْكُرُوْا نِعْمَتَ اللّٰهِ اِنْ كُنْتُمْ اِيَّاهُ تَعْبُدُوْنَ   ( النحل: ١١٤ )

So eat
فَكُلُوا۟
पस खाओ
of what
مِمَّا
उसमें से जो
Allah has provided you
رَزَقَكُمُ
रिज़्क़ दिया तुम्हें
Allah has provided you
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
lawful
حَلَٰلًا
हलाल
and good
طَيِّبًا
पाक
And be grateful
وَٱشْكُرُوا۟
और शुक्र करो
(for the) Favor
نِعْمَتَ
अल्लाह की नेअमत का
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की नेअमत का
if
إِن
अगर
[you]
كُنتُمْ
हो तुम
Him Alone
إِيَّاهُ
सिर्फ़ उसी की
you worship
تَعْبُدُونَ
तुम इबादत करते

Fakuloo mimma razaqakumu Allahu halalan tayyiban waoshkuroo ni'mata Allahi in kuntum iyyahu ta'budoona (an-Naḥl 16:114)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अतः जो कुछ अल्लाह ने तुम्हें हलाल-पाक रोज़ी दी है उसे खाओ और अल्लाह की नेमत के प्रति कृतज्ञता दिखाओ, यदि तुम उसी को स्वामी मानते हो

English Sahih:

Then eat of what Allah has provided for you [which is] lawful and good. And be grateful for the favor of Allah, if it is [indeed] Him that you worship. ([16] An-Nahl : 114)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर अज़ाब (ख़ुदा) ने उन्हें ले डाला और वह ज़ालिम थे ही तो ख़ुदा ने जो कुछ तुम्हें हलाल तय्यब (ताहिर) रोज़ी दी है उसको (शौक़ से) खाओ और अगर तुम खुदा ही की परसतिश (का दावा करते हो)