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وَسَخَّرَ لَكُمُ الَّيْلَ وَالنَّهَارَۙ وَالشَّمْسَ وَالْقَمَرَ ۗوَالنُّجُوْمُ مُسَخَّرٰتٌۢ بِاَمْرِهٖ ۗاِنَّ فِي ذٰلِكَ لَاٰيٰتٍ لِّقَوْمٍ يَّعْقِلُوْنَۙ  ( النحل: ١٢ )

And He has subjected
وَسَخَّرَ
और उसने मुसख़्ख़र किया
for you
لَكُمُ
तुम्हारे लिए
the night
ٱلَّيْلَ
रात
and the day
وَٱلنَّهَارَ
और दिन को
and the sun
وَٱلشَّمْسَ
और सूरज
and the moon
وَٱلْقَمَرَۖ
और चाँद को
and the stars
وَٱلنُّجُومُ
और सितारे
(are) subjected
مُسَخَّرَٰتٌۢ
मुसख़्ख़र किए गए हैं
by His command
بِأَمْرِهِۦٓۗ
उसके हुक्म से
Indeed
إِنَّ
बेशक
in
فِى
इसमें
that
ذَٰلِكَ
इसमें
surely (are) signs
لَءَايَٰتٍ
अलबत्ता निशानियाँ हैं
for a people
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
who use reason
يَعْقِلُونَ
जो अक़्ल रखते हैं

Wasakhkhara lakumu allayla waalnnahara waalshshamsa waalqamara waalnnujoomu musakhkharatun biamrihi inna fee thalika laayatin liqawmin ya'qiloona (an-Naḥl 16:12)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और उसने तुम्हारे लिए रात और दिन को और सूर्य और चन्द्रमा को कार्यरत कर रखा है। और तारे भी उसी की आज्ञा से कार्यरत है - निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ है जो बुद्धि से काम लेते है-

English Sahih:

And He has subjected for you the night and day and the sun and moon, and the stars are subjected by His command. Indeed in that are signs for a people who reason. ([16] An-Nahl : 12)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

उसी ने तुम्हारे वास्ते रात को और दिन को और सूरज और चाँद को तुम्हारा ताबेए बना दिया है और सितारे भी उसी के हुक्म से (तुम्हारे) फरमाबरदार हैं कुछ शक़ ही नहीं कि (इसमें) समझदार लोगों के वास्ते यक़ीनन (कुदरत खुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं