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وَاَقْسَمُوْا بِاللّٰهِ جَهْدَ اَيْمَانِهِمْۙ لَا يَبْعَثُ اللّٰهُ مَنْ يَّمُوْتُۗ بَلٰى وَعْدًا عَلَيْهِ حَقًّا وَّلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُوْنَۙ  ( النحل: ٣٨ )

And they swear
وَأَقْسَمُوا۟
और वो क़समें खाते हैं
by Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह की
strongest
جَهْدَ
पक्की
(of) their oaths
أَيْمَٰنِهِمْۙ
क़समें अपनी
Allah will not resurrect
لَا
नहीं उठाएगा
Allah will not resurrect
يَبْعَثُ
नहीं उठाएगा
Allah will not resurrect
ٱللَّهُ
अल्लाह
(one) who
مَن
उसे जो
dies
يَمُوتُۚ
मर जाता है
Nay
بَلَىٰ
क्यों नहीं
(it is) a promise
وَعْدًا
वादा है
upon Him
عَلَيْهِ
उसके ज़िम्मा
(in) truth
حَقًّا
सच्चा
but
وَلَٰكِنَّ
और लेकिन
most
أَكْثَرَ
अक्सर
(of) the mankind
ٱلنَّاسِ
लोग
(do) not
لَا
नहीं वो इल्म रखते
know
يَعْلَمُونَ
नहीं वो इल्म रखते

Waaqsamoo biAllahi jahda aymanihim la yab'athu Allahu man yamootu bala wa'dan 'alayhi haqqan walakinna akthara alnnasi la ya'lamoona (an-Naḥl 16:38)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उन्होंने अल्लाह की कड़ी-कड़ी क़समें खाकर कहा, 'जो मर जाता है उसे अल्लाह नहीं उठाएगा।' क्यों नहीं? यह तो एक वादा है, जिसे पूरा करना उसके लिए अनिवार्य है - किन्तु अधिकतर लोग जानते नहीं। -

English Sahih:

And they swear by Allah their strongest oaths [that] Allah will not resurrect one who dies. But yes – [it is] a true promise [binding] upon Him, but most of the people do not know. ([16] An-Nahl : 38)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(कि अज़ाब से बचाए) और ये कुफ्फार ख़ुदा की जितनी क़समें उनके इमकान में तुम्हें खा (कर कहते) हैं कि जो शख़्श मर जाता है फिर उसको ख़ुदा दोबारा ज़िन्दा नहीं करेगा (ऐ रसूल) तुम कह दो कि हाँ ज़रुर ऐसा करेगा इस पर अपने वायदे की (वफा) लाज़िम व ज़रुरी है मगर बहुतेरे आदमी नहीं जानते हैं