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وَيَجْعَلُوْنَ لِمَا لَا يَعْلَمُوْنَ نَصِيْبًا مِّمَّا رَزَقْنٰهُمْۗ تَاللّٰهِ لَتُسْـَٔلُنَّ عَمَّا كُنْتُمْ تَفْتَرُوْنَ   ( النحل: ٥٦ )

And they assign
وَيَجْعَلُونَ
और वो मुक़र्रर करते हैं
to what
لِمَا
उसके लिए जो
not
لَا
नहीं वो जानते
they know -
يَعْلَمُونَ
नहीं वो जानते
a portion
نَصِيبًا
एक हिस्सा
of what
مِّمَّا
उसमें से जो
We have provided them
رَزَقْنَٰهُمْۗ
रिज़्क़ दिया हमने उन्हें
By Allah
تَٱللَّهِ
क़सम अल्लाह की
surely you will be asked
لَتُسْـَٔلُنَّ
अलबत्ता तुम ज़रूर सवाल किए जाओगे
about what
عَمَّا
उसके बारे में जो
you used (to)
كُنتُمْ
थे तुम
invent
تَفْتَرُونَ
तुम गढ़ते

Wayaj'aloona lima la ya'lamoona naseeban mimma razaqnahum taAllahi latusalunna 'amma kuntum taftaroona (an-Naḥl 16:56)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हमने उन्हें जो आजीविका प्रदान की है उसमें वे उसका हिस्सा लगाते है जिन्हें वे जानते भी नहीं। अल्लाह की सौगंध! तुम जो झूठ घड़ते हो उसके विषय में तुमसे अवश्य पूछा जाएगा

English Sahih:

And they assign to what they do not know [i.e., false deities] a portion of that which We have provided them. By Allah, you will surely be questioned about what you used to invent. ([16] An-Nahl : 56)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमने जो रोज़ी उनको दी है उसमें से ये लोग उन बुतों का हिस्सा भी क़रार देते है जिनकी हक़ीकत नहीं जानते तो ख़ुदा की (अपनी) क़िस्म जो इफ़तेरा परदाज़ियाँ तुम करते थे (क़यामत में) उनकी बाज़पुर्स (पूछ गछ) तुम से ज़रुर की जाएगी