وَاللّٰهُ اَنْزَلَ مِنَ السَّمَاۤءِ مَاۤءً فَاَحْيَا بِهِ الْاَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَاۗ اِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيَةً لِّقَوْمٍ يَّسْمَعُوْنَ ࣖ ( النحل: ٦٥ )
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह ने
sends down
أَنزَلَ
उतारा
from
مِنَ
आसमान से
the sky
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
water
مَآءً
पानी
then gives life
فَأَحْيَا
फिर ज़िन्दा कर दिया
by it
بِهِ
साथ उसके
(to) the earth
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन को
after
بَعْدَ
बाद
its death
مَوْتِهَآۚ
उसकी मौत के
Indeed
إِنَّ
बेशक
in
فِى
इसमें
that
ذَٰلِكَ
इसमें
(is) surely a Sign
لَءَايَةً
अलबत्ता एक निशानी है
for a people
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
who listen
يَسْمَعُونَ
जो सुनते हैं
WaAllahu anzala mina alssamai maan faahya bihi alarda ba'da mawtiha inna fee thalika laayatan liqawmin yasma'oona (an-Naḥl 16:65)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और अल्लाह ही ने आकाश से पानी बरसाया। फिर उसके द्वारा धरती को उसके मृत हो जाने के पश्चात जीवित किया। निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए बड़ी निशानी है जो सुनते है
English Sahih:
And Allah has sent down rain from the sky and given life thereby to the earth after its lifelessness. Indeed in that is a sign for a people who listen. ([16] An-Nahl : 65)