اَلَمْ يَرَوْا اِلَى الطَّيْرِ مُسَخَّرٰتٍ فِيْ جَوِّ السَّمَاۤءِ ۗمَا يُمْسِكُهُنَّ اِلَّا اللّٰهُ ۗاِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيٰتٍ لِّقَوْمٍ يُّؤْمِنُوْنَ ( النحل: ٧٩ )
Do not
أَلَمْ
क्या नहीं
they see
يَرَوْا۟
उन्होंने देखा
towards
إِلَى
तरफ़ परिन्दों के
the birds
ٱلطَّيْرِ
तरफ़ परिन्दों के
controlled
مُسَخَّرَٰتٍ
जो मुसख़्ख़र किए गए हैं
in
فِى
फ़ज़ा में
the midst
جَوِّ
फ़ज़ा में
(of) the sky?
ٱلسَّمَآءِ
आसमान की
None
مَا
नहीं
holds them up
يُمْسِكُهُنَّ
थामे हुए उन्हें
except
إِلَّا
मगर
Allah
ٱللَّهُۗ
अल्लाह
Indeed
إِنَّ
बेशक
in
فِى
इसमें
that
ذَٰلِكَ
इसमें
(are) Signs
لَءَايَٰتٍ
अलबत्ता निशानियां हैं
for a people
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
who believe
يُؤْمِنُونَ
जो ईमान लाते हों
Alam yaraw ila alttayri musakhkharatin fee jawwi alssamai ma yumsikuhunna illa Allahu inna fee thalika laayatin liqawmin yuminoona (an-Naḥl 16:79)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या उन्होंने पक्षियों को नभ मंडल में वशीभूत नहीं देखा? उन्हें तो बस अल्लाह ही थामें हुए होता है। निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए कितनी ही निशानियाँ है जो ईमान लाएँ
English Sahih:
Do they not see the birds controlled in the atmosphere of the sky? None holds them up except Allah. Indeed in that are signs for a people who believe. ([16] An-Nahl : 79)