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وَلَوْ شَاۤءَ اللّٰهُ لَجَعَلَكُمْ اُمَّةً وَّاحِدَةً وَّلٰكِنْ يُّضِلُّ مَنْ يَّشَاۤءُ وَيَهْدِيْ مَنْ يَّشَاۤءُۗ وَلَتُسْـَٔلُنَّ عَمَّا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ   ( النحل: ٩٣ )

And if
وَلَوْ
और अगर
Allah (had) willed
شَآءَ
चाहता
Allah (had) willed
ٱللَّهُ
अल्लाह
surely He (could) have made you
لَجَعَلَكُمْ
अलबत्ता वो बना देता तुम्हें
a nation
أُمَّةً
उम्मत
one
وَٰحِدَةً
एक ही
but
وَلَٰكِن
और लेकिन
He lets go astray
يُضِلُّ
वो गुमराह करता है
whom
مَن
जिसे
He wills
يَشَآءُ
वो चाहता है
and guides
وَيَهْدِى
और वो हिदायत देता है
whom
مَن
जिसे
He wills
يَشَآءُۚ
वो चाहता है
And surely you will be questioned
وَلَتُسْـَٔلُنَّ
और अलबत्ता तुम ज़रूर सवाल किए जाओगे
about what
عَمَّا
उसके बारे में जो
you used (to)
كُنتُمْ
थे तुम
do
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते

Walaw shaa Allahu laja'alakum ommatan wahidatan walakin yudillu man yashao wayahdee man yashao walatusalunna 'amma kuntum ta'maloona (an-Naḥl 16:93)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यदि अल्लाह चाहता तो तुम सबको एक ही समुदाय बना देता, परन्तु वह जिसे चाहता है गुमराही में छोड़ देता है और जिसे चाहता है सीधा मार्ग दिखाता है। तुम जो कुछ भी करते हो उसके विषय में तो तुमसे अवश्य पूछा जाएगा

English Sahih:

And if Allah had willed, He could have made you [of] one religion, but He sends astray whom He wills and guides whom He wills. And you will surely be questioned about what you used to do. ([16] An-Nahl : 93)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अगर ख़ुदा चाहता तो तुम सबको एक ही (किस्म के) गिरोह बना देता मगर वह तो जिसको चाहता है गुमराही में छोड़ देता है और जिसकी चाहता है हिदायत करता है और जो कुछ तुम लोग दुनिया में किया करते थे उसकी बाज़ पुर्स (पुछ गछ) तुमसे ज़रुर की जाएगी