قُلْ اٰمِنُوْا بِهٖٓ اَوْ لَا تُؤْمِنُوْاۗ اِنَّ الَّذِيْنَ اُوْتُوا الْعِلْمَ مِنْ قَبْلِهٖٓ اِذَا يُتْلٰى عَلَيْهِمْ يَخِرُّوْنَ لِلْاَذْقَانِ سُجَّدًاۙ ( الإسراء: ١٠٧ )
Qul aminoo bihi aw la tuminoo inna allatheena ootoo al'ilma min qablihi itha yutla 'alayhim yakhirroona lilathqani sujjadan (al-ʾIsrāʾ 17:107)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कह दो, 'तुम उसे मानो या न मानो, जिन लोगों को इससे पहले ज्ञान दिया गया है, उन्हें जब वह पढ़कर सुनाया जाता है, तो वे ठोड़ियों के बल सजदे में गिर पड़ते है
English Sahih:
Say, "Believe in it or do not believe." Indeed, those who were given knowledge before it – when it is recited to them, they fall upon their faces in prostration, ([17] Al-Isra : 107)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (इसी वजह से) हमने उसको रफ्ता रफ्ता नाज़िल किया तुम कह दो कि ख्वाह तुम इस पर ईमान लाओ या न लाओ इसमें शक़ नहीं कि जिन लोगों को उसके क़ब्ल ही (आसमानी किताबों का इल्म अता किया गया है उनके सामने जब ये पढ़ा जाता है तो ठुडडियों से (मुँह के बल) सजदे में गिर पड़तें हैं