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اِنَّ عِبَادِيْ لَيْسَ لَكَ عَلَيْهِمْ سُلْطٰنٌۗ وَكَفٰى بِرَبِّكَ وَكِيْلًا  ( الإسراء: ٦٥ )

"Indeed
إِنَّ
बेशक
My slaves
عِبَادِى
मेरे बन्दे
not
لَيْسَ
नहीं है
for you
لَكَ
तेरे लिए
over them
عَلَيْهِمْ
उन पर
any authority
سُلْطَٰنٌۚ
कोई ज़ोर
And sufficient
وَكَفَىٰ
और काफ़ी है
(is) your Lord
بِرَبِّكَ
रब आपका
(as) a Guardian"
وَكِيلًا
कारसाज़

Inna 'ibadee laysa laka 'alayhim sultanun wakafa birabbika wakeelan (al-ʾIsrāʾ 17:65)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'निश्चय ही जो मेरे (सच्चे) बन्दे है उनपर तेरा कुछ भी ज़ोर नहीं चल सकता।' तुम्हारा रब इसके लिए काफ़ी है कि अपना मामला उसी को सौंप दिया जाए

English Sahih:

Indeed, over My [believing] servants there is for you no authority. And sufficient is your Lord as Disposer of affairs. ([17] Al-Isra : 65)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

बेशक जो मेरे (ख़ास) बन्दें हैं उन पर तेरा ज़ोर नहीं चल (सकता) और कारसाज़ी में तेरा परवरदिगार काफी है