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وَيَوْمَ يَقُوْلُ نَادُوْا شُرَكَاۤءِيَ الَّذِيْنَ زَعَمْتُمْ فَدَعَوْهُمْ فَلَمْ يَسْتَجِيْبُوْا لَهُمْ وَجَعَلْنَا بَيْنَهُمْ مَّوْبِقًا  ( الكهف: ٥٢ )

And the Day
وَيَوْمَ
और जिस दिन
He will say
يَقُولُ
वो फ़रमाएगा
"Call
نَادُوا۟
पुकारो
My partners
شُرَكَآءِىَ
मेरे शरीकों को
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्हें
you claimed"
زَعَمْتُمْ
गुमान करते थे तुम
then they will call them
فَدَعَوْهُمْ
तो वो पुकारेंगे उन्हें
but not
فَلَمْ
पस ना
they will respond
يَسْتَجِيبُوا۟
वो जवाब देंगे
to them
لَهُمْ
उन्हें
And We will make
وَجَعَلْنَا
और बना देंगे हम
between them
بَيْنَهُم
दर्मियान उनके
a barrier
مَّوْبِقًا
हलाकत की जगह

Wayawma yaqoolu nadoo shurakaiya allatheena za'amtum fada'awhum falam yastajeeboo lahum waja'alna baynahum mawbiqan (al-Kahf 18:52)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

याद करो जिस दिन वह कहेगा, 'बुलाओ मेरे साझीदारों को, जिनके साझीदार होने का तुम्हें दावा था।' तो वे उनको पुकारेंगे, किन्तु वे उन्हें कोई उत्तर न देंगे और हम उनके बीच सामूहिक विनाश-स्थल निर्धारित कर देंगे

English Sahih:

And [warn of] the Day when He will say, "Call My 'partners' whom you claimed," and they will invoke them, but they will not respond to them. And We will put between them [a valley of] destruction. ([18] Al-Kahf : 52)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (उस दिन से डरो) जिस दिन ख़ुदा फरमाएगा कि अब तुम जिन लोगों को मेरा शरीक़ ख्याल करते थे उनको (मदद के लिए) पुकारो तो वह लोग उनको पुकारेगें मगर वह लोग उनकी कुछ न सुनेगें और हम उन दोनों के बीच में महलक (खतरनाक) आड़ बना देंगे