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فَكُلِيْ وَاشْرَبِيْ وَقَرِّيْ عَيْنًا ۚفَاِمَّا تَرَيِنَّ مِنَ الْبَشَرِ اَحَدًاۙ فَقُوْلِيْٓ اِنِّيْ نَذَرْتُ لِلرَّحْمٰنِ صَوْمًا فَلَنْ اُكَلِّمَ الْيَوْمَ اِنْسِيًّا ۚ  ( مريم: ٢٦ )

So eat
فَكُلِى
फिर खा
and drink
وَٱشْرَبِى
और पी
and cool
وَقَرِّى
और ठंडी कर
(your) eyes
عَيْنًاۖ
आँखें
And if
فَإِمَّا
फिर अगर
you see
تَرَيِنَّ
तू देखे
from
مِنَ
इन्सान में से
human being
ٱلْبَشَرِ
इन्सान में से
anyone
أَحَدًا
किसी एक को
then say
فَقُولِىٓ
तो कह दे
"Indeed I
إِنِّى
बेशक मैं
[I] have vowed
نَذَرْتُ
नज़र मानी है मैंने
to the Most Gracious
لِلرَّحْمَٰنِ
रहमान के लिए
a fast
صَوْمًا
रोज़े की
so not
فَلَنْ
तो हरगिज़ नहीं
I will speak
أُكَلِّمَ
मैं कलाम करूँगी
today
ٱلْيَوْمَ
आज
(to any) human being"
إِنسِيًّا
किसी इन्सान से

Fakulee waishrabee waqarree 'aynan faimma tarayinna mina albashari ahadan faqoolee innee nathartu lilrrahmani sawman falan okallima alyawma insiyyan (Maryam 19:26)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अतः तू उसे खा और पी और आँखें ठंडी कर। फिर यदि तू किसी आदमी को देखे तो कह देना, मैंने तो रहमान के लिए रोज़े की मन्नत मानी है। इसलिए मैं आज किसी मनुष्य से न बोलूँगी।'

English Sahih:

So eat and drink and be contented. And if you see from among humanity anyone, say, 'Indeed, I have vowed to the Most Merciful abstention, so I will not speak today to [any] man.'" ([19] Maryam : 26)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (चश्मे का पानी) पियो और (लड़के से) अपनी ऑंख ठन्डी करो फिर अगर तुम किसी आदमी को देखो (और वह तुमसे कुछ पूछे) तो तुम इशारे से कह देना कि मैंने खुदा के वास्ते रोजे क़ी नज़र की थी तो मैं आज हरगिज़ किसी से बात नहीं कर सकती