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وَدَّ كَثِيْرٌ مِّنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ لَوْ يَرُدُّوْنَكُمْ مِّنْۢ بَعْدِ اِيْمَانِكُمْ كُفَّارًاۚ حَسَدًا مِّنْ عِنْدِ اَنْفُسِهِمْ مِّنْۢ بَعْدِ مَا تَبَيَّنَ لَهُمُ الْحَقُّ ۚ فَاعْفُوْا وَاصْفَحُوْا حَتّٰى يَأْتِيَ اللّٰهُ بِاَمْرِهٖ ۗ اِنَّ اللّٰهَ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ   ( البقرة: ١٠٩ )

Wish[ed]
وَدَّ
चाहते हैं
many
كَثِيرٌ
बहुत से
from
مِّنْ
अहले किताब में से
(the) People
أَهْلِ
अहले किताब में से
(of) the Book
ٱلْكِتَٰبِ
अहले किताब में से
if
لَوْ
काश
they could turn you back
يَرُدُّونَكُم
वो फेर दें तुम्हें
from
مِّنۢ
बाद
after
بَعْدِ
बाद
your (having) faith
إِيمَٰنِكُمْ
तुम्हारे ईमान के
(to) disbelievers
كُفَّارًا
काफ़िर बना कर
(out of) jealousy
حَسَدًا
हसद की बिना पर
from
مِّنْ
पास से
(of)
عِندِ
पास से
themselves
أَنفُسِهِم
अपने नफ़्सों के
(even) from
مِّنۢ
बाद उसके
after
بَعْدِ
बाद उसके
[what]
مَا
जो
became clear
تَبَيَّنَ
वाज़ेह हो गया
to them
لَهُمُ
उनके लिए
the truth
ٱلْحَقُّۖ
हक़
So forgive
فَٱعْفُوا۟
पस माफ़ कर दो
and overlook
وَٱصْفَحُوا۟
और दरगुज़र करो
until
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
brings
يَأْتِىَ
ले आए
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
His Command
بِأَمْرِهِۦٓۗ
हुक्म अपना
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
on
عَلَىٰ
ऊपर
every
كُلِّ
हर
thing
شَىْءٍ
चीज़ के
(is) All-Powerful
قَدِيرٌ
बहुत क़ुदरत रखने वाला है

Wadda katheerun min ahli alkitabi law yaruddoonakum min ba'di eemanikum kuffaran hasadan min 'indi anfusihim min ba'di ma tabayyana lahumu alhaqqu fao'foo waisfahoo hatta yatiya Allahu biamrihi inna Allaha 'ala kulli shayin qadeerun (al-Baq̈arah 2:109)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

बहुत-से किताबवाले अपने भीतर की ईर्ष्या से चाहते है कि किसी प्रकार वे तुम्हारे ईमान लाने के बाद फेरकर तुम्हे इनकार कर देनेवाला बना दें, यद्यपि सत्य उनपर प्रकट हो चुका है, तो तुम दरगुज़र (क्षमा) से काम लो और जाने दो यहाँ तक कि अल्लाह अपना फ़ैसला लागू न कर दे। निस्संदेह अल्लाह को हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है

English Sahih:

Many of the People of the Scripture wish they could turn you back to disbelief after you have believed, out of envy from themselves [even] after the truth has become clear to them. So pardon and overlook until Allah delivers His command. Indeed, Allah is over all things competent. ([2] Al-Baqarah : 109)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(मुसलमानों) अहले किताब में से अक्सर लोग अपने दिली हसद की वजह से ये ख्वाहिश रखते हैं कि तुमको ईमान लाने के बाद फिर काफ़िर बना दें (और लुत्फ तो ये है कि) उन पर हक़ ज़ाहिर हो चुका है उसके बाद भी (ये तमन्ना बाक़ी है) पस तुम माफ करो और दरगुज़र करो यहाँ तक कि खुदा अपना (कोई और) हुक्म भेजे बेशक खुदा हर चीज़ पर क़ादिर है