وَكَذٰلِكَ جَعَلْنٰكُمْ اُمَّةً وَّسَطًا لِّتَكُوْنُوْا شُهَدَاۤءَ عَلَى النَّاسِ وَيَكُوْنَ الرَّسُوْلُ عَلَيْكُمْ شَهِيْدًا ۗ وَمَا جَعَلْنَا الْقِبْلَةَ الَّتِيْ كُنْتَ عَلَيْهَآ اِلَّا لِنَعْلَمَ مَنْ يَّتَّبِعُ الرَّسُوْلَ مِمَّنْ يَّنْقَلِبُ عَلٰى عَقِبَيْهِۗ وَاِنْ كَانَتْ لَكَبِيْرَةً اِلَّا عَلَى الَّذِيْنَ هَدَى اللّٰهُ ۗوَمَا كَانَ اللّٰهُ لِيُضِيْعَ اِيْمَانَكُمْ ۗ اِنَّ اللّٰهَ بِالنَّاسِ لَرَءُوْفٌ رَّحِيْمٌ ( البقرة: ١٤٣ )
Wakathalika ja'alnakum ommatan wasatan litakoonoo shuhadaa 'ala alnnasi wayakoona alrrasoolu 'alaykum shaheedan wama ja'alna alqiblata allatee kunta 'alayha illa lina'lama man yattabi'u alrrasoola mimman yanqalibu 'ala 'aqibayhi wain kanat lakabeeratan illa 'ala allatheena hada Allahu wama kana Allahu liyudee'a eemanakum inna Allaha bialnnasi laraoofun raheemun (al-Baq̈arah 2:143)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और इसी प्रकार हमने तुम्हें बीच का एक उत्तम समुदाय बनाया है, ताकि तुम सारे मनुष्यों पर गवाह हो, और रसूल तुमपर गवाह हो। और जिस (क़िबले) पर तुम रहे हो उसे तो हमने केवल इसलिए क़िबला बनाया था कि जो लोग पीठ-पीछे फिर जानेवाले है, उनसे हम उनको अलग जान लें जो रसूल का अनुसरण करते है। और यह बात बहुत भारी (अप्रिय) है, किन्तु उन लोगों के लिए नहीं जिन्हें अल्लाह ने मार्ग दिखाया है। और अल्लाह ऐसा नहीं कि वह तुम्हारे ईमान को अकारथ कर दे, अल्लाह तो इनसानों के लिए अत्यन्त करूणामय, दयावान है
English Sahih:
And thus We have made you a median [i.e., just] community that you will be witnesses over the people and the Messenger will be a witness over you. And We did not make the qiblah which you used to face except that We might make evident who would follow the Messenger from who would turn back on his heels. And indeed, it is difficult except for those whom Allah has guided. And never would Allah have caused you to lose your faith [i.e., your previous prayers]. Indeed Allah is, to the people, Kind and Merciful. ([2] Al-Baqarah : 143)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जिस तरह तुम्हारे क़िबले के बारे में हिदायत की उसी तरह तुम को आदिल उम्मत बनाया ताकि और लोगों के मुक़ाबले में तुम गवाह बनो और रसूल मोहम्मद तुम्हारे मुक़ाबले में गवाह बनें और (ऐ रसूल) जिस क़िबले की तरफ़ तुम पहले सज़दा करते थे हम ने उसको को सिर्फ इस वजह से क़िबला क़रार दिया था कि जब क़िबला बदला जाए तो हम उन लोगों को जो रसूल की पैरवी करते हैं हम उन लोगों से अलग देख लें जो उलटे पाव फिरते हैं अगरचे ये उलट फेर सिवा उन लोगों के जिन की ख़ुदा ने हिदायत की है सब पर शाक़ ज़रुर है और ख़ुदा ऐसा नहीं है कि तुम्हारे ईमान नमाज़ को जो बैतुलमुक़द्दस की तरफ पढ़ चुके हो बरबाद कर दे बेशक ख़ुदा लोगों पर बड़ा ही रफ़ीक व मेहरबान है।