لِلَّذِيْنَ يُؤْلُوْنَ مِنْ نِّسَاۤىِٕهِمْ تَرَبُّصُ اَرْبَعَةِ اَشْهُرٍۚ فَاِنْ فَاۤءُوْ فَاِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ( البقرة: ٢٢٦ )
For those who
لِّلَّذِينَ
उन लोगों के लिए जो
swear (off)
يُؤْلُونَ
इला करते हैं
from
مِن
अपनी औरतों से
their wives
نِّسَآئِهِمْ
अपनी औरतों से
(is a) waiting (of)
تَرَبُّصُ
इन्तिज़ार करना है
four
أَرْبَعَةِ
चार
months
أَشْهُرٍۖ
महीने
then if
فَإِن
फिर अगर
they return -
فَآءُو
वो रुजु कर लें
then indeed
فَإِنَّ
तो बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) Oft- Forgiving
غَفُورٌ
बहुत बख़्शने वाला है
Most Merciful
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है
Lillatheena yuloona min nisaihim tarabbusu arba'ati ashhurin fain faoo fainna Allaha ghafoorun raheemun (al-Baq̈arah 2:226)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो लोग अपनी स्त्रियों से अलग रहने की क़सम खा बैठें, उनके लिए चार महीने की प्रतिक्षा है। फिर यदि वे पलट आएँ, तो अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है
English Sahih:
For those who swear not to have sexual relations with their wives is a waiting time of four months, but if they return [to normal relations] – then indeed, Allah is Forgiving and Merciful. ([2] Al-Baqarah : 226)