يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اَنْفِقُوْا مِنْ طَيِّبٰتِ مَا كَسَبْتُمْ وَمِمَّآ اَخْرَجْنَا لَكُمْ مِّنَ الْاَرْضِ ۗ وَلَا تَيَمَّمُوا الْخَبِيْثَ مِنْهُ تُنْفِقُوْنَ وَلَسْتُمْ بِاٰخِذِيْهِ اِلَّآ اَنْ تُغْمِضُوْا فِيْهِ ۗ وَاعْلَمُوْٓا اَنَّ اللّٰهَ غَنِيٌّ حَمِيْدٌ ( البقرة: ٢٦٧ )
Ya ayyuha allatheena amanoo anfiqoo min tayyibati ma kasabtum wamimma akhrajna lakum mina alardi wala tayammamoo alkhabeetha minhu tunfiqoona walastum biakhitheehi illa an tughmidoo feehi wai'lamoo anna Allaha ghaniyyun hameedun (al-Baq̈arah 2:267)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ ईमान लानेवालो! अपनी कमाई को पाक और अच्छी चीज़ों में से ख़र्च करो और उन चीज़ों में से भी जो हमने धरती से तुम्हारे लिए निकाली है। और देने के लिए उसके ख़राब हिस्से (के देने) का इरादा न करो, जबकि तुम स्वयं उसे कभी न लोगे। यह और बात है कि उसको लेने में देखी-अनदेखी कर जाओ। और जान लो कि अल्लाह निस्पृह, प्रशंसनीय है
English Sahih:
O you who have believed, spend from the good things which you have earned and from that which We have produced for you from the earth. And do not aim toward the defective therefrom, spending [from that] while you would not take it [yourself] except with closed eyes. And know that Allah is Free of need and Praiseworthy. ([2] Al-Baqarah : 267)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ऐ ईमान वालों अपनी पाक कमाई और उन चीज़ों में से जो हमने तुम्हारे लिए ज़मीन से पैदा की हैं (ख़ुदा की राह में) ख़र्च करो और बुरे माल को (ख़ुदा की राह में) देने का क़सद भी न करो हालॉकि अगर ऐसा माल कोई तुमको देना चाहे तो तुम अपनी ख़ुशी से उसके लेने वाले नहीं हो मगर ये कि उस (के लेने) में (अमदन) आंख चुराओ और जाने रहो कि ख़ुदा बेशक बेनियाज़ (और) सज़ावारे हम्द है