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وَاتَّقُوْا يَوْمًا تُرْجَعُوْنَ فِيْهِ اِلَى اللّٰهِ ۗثُمَّ تُوَفّٰى كُلُّ نَفْسٍ مَّا كَسَبَتْ وَهُمْ لَا يُظْلَمُوْنَ ࣖ  ( البقرة: ٢٨١ )

And fear
وَٱتَّقُوا۟
और डरो
a Day
يَوْمًا
उस दिन से
you will be brought back
تُرْجَعُونَ
तुम लौटाए जाओगे
[in it]
فِيهِ
जिस में
to
إِلَى
तरफ़ अल्लाह के
Allah
ٱللَّهِۖ
तरफ़ अल्लाह के
Then
ثُمَّ
फिर
(will be) repaid in full
تُوَفَّىٰ
पूरा पूरा दिया जाएगा
every
كُلُّ
हर
soul
نَفْسٍ
नफ़्स को
what
مَّا
जो
it earned
كَسَبَتْ
उसने कमाया
and they
وَهُمْ
और वो
not
لَا
ज़ुल्म ना किए जाऐंगे
will be wronged
يُظْلَمُونَ
ज़ुल्म ना किए जाऐंगे

Waittaqoo yawman turja'oona feehi ila Allahi thumma tuwaffa kullu nafsin ma kasabat wahum la yuthlamoona (al-Baq̈arah 2:281)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और उस दिन का डर रखो जबकि तुम अल्लाह की ओर लौटोगे, फिर प्रत्येक व्यक्ति को जो कुछ उसने कमाया पूरा-पूरा मिल जाएगा और उनके साथ कदापि कोई अन्याय न होगा

English Sahih:

And fear a Day when you will be returned to Allah. Then every soul will be compensated for what it earned, and they will not be wronged [i.e., treated unjustly]. ([2] Al-Baqarah : 281)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उस दिन से डरो जिस दिन तुम सब के सब ख़ुदा की तरफ़ लौटाये जाओगे फिर जो कुछ जिस शख्स ने किया है उसका पूरा पूरा बदला दिया जाएगा और उनकी ज़रा भी हक़ तलफ़ी न होगी