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۞ وَعَنَتِ الْوُجُوْهُ لِلْحَيِّ الْقَيُّوْمِۗ وَقَدْ خَابَ مَنْ حَمَلَ ظُلْمًا   ( طه: ١١١ )

And (will be) humbled
وَعَنَتِ
और झुक जाऐंगे
the faces
ٱلْوُجُوهُ
चेहरे
before the Ever-Living
لِلْحَىِّ
वास्ते ज़िन्दा रहने वाले
the Self-Subsisting
ٱلْقَيُّومِۖ
क़ायम रहने वाले के
And verily
وَقَدْ
और तहक़ीक़
will have failed
خَابَ
वो नामुराद हुआ
(he) who
مَنْ
जिसने
carried
حَمَلَ
उठाया
wrongdoing
ظُلْمًا
ज़ुल्म को

Wa'anati alwujoohu lilhayyi alqayyoomi waqad khaba man hamala thulman (Ṭāʾ Hāʾ 20:111)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

चेहरे उस जीवन्त, शाश्वत सत्ता के आगे झुकें होंगे। असफल हुआ वह जिसने ज़ुल्म का बोझ उठाया

English Sahih:

And [all] faces will be humbled before the Ever-Living, the Self-Sustaining. And he will have failed who carries injustice. ([20] Taha : 111)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (क़यामत में) सारी (खुदाई के) का मुँह ज़िन्दा और बाक़ी रहने वाले खुदा के सामने झुक जाएँगे और जिसने जुल्म का बोझ (अपने सर पर) उठाया वह यक़ीनन नाकाम रहा