Skip to main content

قَالَ اهْبِطَا مِنْهَا جَمِيعًاۢ بَعْضُكُمْ لِبَعْضٍ عَدُوٌّ ۚفَاِمَّا يَأْتِيَنَّكُمْ مِّنِّيْ هُدًى ەۙ فَمَنِ اتَّبَعَ هُدٰيَ فَلَا يَضِلُّ وَلَا يَشْقٰى  ( طه: ١٢٣ )

He said
قَالَ
फ़रमाया
"Go down
ٱهْبِطَا
दोनों उतर जाओ
from it
مِنْهَا
इससे
all
جَمِيعًۢاۖ
इकट्ठे
some of you
بَعْضُكُمْ
बाज़ तुम्हारे
to others
لِبَعْضٍ
बाज़ के
(as) enemy
عَدُوٌّۖ
दुश्मन हैं
Then if
فَإِمَّا
फिर अगर
comes to you
يَأْتِيَنَّكُم
आ जाए तुम्हारे पास
from Me
مِّنِّى
मेरी तरफ़ से
guidance
هُدًى
हिदायत
then whoever
فَمَنِ
तो जिसने
follows
ٱتَّبَعَ
पैरवी की
My guidance
هُدَاىَ
मेरी हिदायत की
then not
فَلَا
तो ना
he will go astray
يَضِلُّ
वो भटकेगा
and not
وَلَا
और ना
suffer
يَشْقَىٰ
वो मुसीबत में पड़ेगा

Qala ihbita minha jamee'an ba'dukum liba'din 'aduwwun faimma yatiyannakum minnee hudan famani ittaba'a hudaya fala yadillu wala yashqa (Ṭāʾ Hāʾ 20:123)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कहा, 'तुम दोनों के दोनों यहाँ से उतरो! तुम्हारे कुछ लोग कुछ के शत्रु होंगे। फिर यदि मेरी ओर से तुम्हें मार्गदर्शन पहुँचे, तो जिस किसी ने मेरे मार्गदर्शन का अनुपालन किया, वह न तो पथभ्रष्ट होगा और न तकलीफ़ में पड़ेगा

English Sahih:

[Allah] said, "Descend from it [i.e., Paradise] – all, [your descendants] being enemies to one another. And if there should come to you guidance from Me – then whoever follows My guidance will neither go astray [in the world] nor suffer [in the Hereafter]. ([20] Taha : 123)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर उनकी तौबा कुबूल की और उनकी हिदायत की फरमाया कि तुम दोनों बेहश्त से नीचे उतर जाओ तुम में से एक का एक दुशमन है फिर अगर तुम्हारे पास मेरी तरफ से हिदायत पहुँचे तो (तुम) उसकी पैरवी करना क्योंकि जो शख्स मेरी हिदायत पर चलेगा न तो गुमराह होगा और न मुसीबत में फँसेगा