وَاِذَا رَاٰكَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْٓا اِنْ يَّتَّخِذُوْنَكَ اِلَّا هُزُوًاۗ اَهٰذَا الَّذِيْ يَذْكُرُ اٰلِهَتَكُمْۚ وَهُمْ بِذِكْرِ الرَّحْمٰنِ هُمْ كٰفِرُوْنَ ( الأنبياء: ٣٦ )
Waitha raaka allatheena kafaroo in yattakhithoonaka illa huzuwan ahatha allathee yathkuru alihatakum wahum bithikri alrrahmani hum kafiroona (al-ʾAnbiyāʾ 21:36)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जिन लोगों ने इनकार किया वे जब तुम्हें देखते है तो तुम्हारा उपहास ही करते है। (कहते है,) 'क्या यही वह व्यक्ति है, जो तुम्हारे इष्ट -पूज्यों की बुराई के साथ चर्चा करता है?' और उनका अपना हाल यह है कि वे रहमान के ज़िक्र (स्मरण) से इनकार करते हैं
English Sahih:
And when those who disbelieve see you, [O Muhammad], they take you not except in ridicule, [saying], "Is this the one who mentions [i.e., insults] your gods?" And they are, at the mention of the Most Merciful, disbelievers. ([21] Al-Anbya : 36)