وَهٰذَا ذِكْرٌ مُّبٰرَكٌ اَنْزَلْنٰهُۗ اَفَاَنْتُمْ لَهٗ مُنْكِرُوْنَ ࣖ ( الأنبياء: ٥٠ )
And this
وَهَٰذَا
और ये है
(is) a Reminder
ذِكْرٌ
ज़िक्र
blessed
مُّبَارَكٌ
बाबरकत
which We (have) revealed
أَنزَلْنَٰهُۚ
नाज़िल किया हमने उसे
Then are you
أَفَأَنتُمْ
क्या फिर तुम
of it
لَهُۥ
उसका
rejecters?
مُنكِرُونَ
इन्कार करने वाले हो
Wahatha thikrun mubarakun anzalnahu afaantum lahu munkiroona (al-ʾAnbiyāʾ 21:50)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और वह बरकतवाली अनुस्मृति है, जिसको हमने अवतरित किया है। तो क्या तुम्हें इससे इनकार है
English Sahih:
And this [Quran] is a blessed message which We have sent down. Then are you with it unacquainted? ([21] Al-Anbya : 50)